नहीं चलेंगे अब बहाने
नगर निगम, पंचायत व नगर परिषद के चुनाव करवाने के लिए कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे प्रशासनिक अफसरों के सामने ऐसे बहाने चुनौती बनते रहे हैं। प्रशासन ने इन झंझटों को देखते हुए पहले महिला कर्मचारियों की ड्यूटी नहीं लगाने के बारे में सोचा था। अब दोनों चुनाव साथ होने से यह विचार त्याग दिया गया है। अब महिला कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई जाएगी। राहत इतनी रहेगी कि पीठासीन अधिकारी या पी-2 के स्थान पर पी-3 व 4 पर ही तैनाती करेंगे।
इंदौरः 600 से ज्यादा लगा चुके गुहार
इंदौर जिला निर्वाचन अधिकारी सहित सभी अपर कलेक्टर, एसडीएम व उप जिला निर्वाचन अधिकारियों के समक्ष चुनाव ड्यूटी से मुक्त करने के लिए कर्मचारी रोज गुहार लगा रहे हैं। अब तक 600 से ज्यादा आवेदन पहुंच चुके हैं। इनमें कुछ वास्तविक हैं तो कई बहाने कर रहे हैं। आवेदन की भाषा काफी इमोशनल होती है। शुक्रवार को ऐसे आवेदनों का परीक्षण किया गया। अधिकांश गाइडलाइन पर खरे नहीं उतरे तो उन्हें निरस्त कर दिया। कुछ को सशर्त छुट्टी दी गई है। उन्हें ड्यूटी पर उपिस्थत रहना होगा, लेकिन कार्यक्रम में जाने के लिए मुख्यालय छोड़ सकेंगे।
आवेदनों में लिखी बातों की बानगी
इंदौर में कार्यरत शिक्षिका आवेदन लेकर निर्वाचन कार्यालय पहुंची। अधिकारी को बताया, उनके पति निजी संस्थान में कार्यरत हैं। काम के लिए बाहर जाना होता है। दो छोटे बच्चे हैं। ड्यूटी के लिए उन्हें बाहर जाना पड़ा तो बच्चों की देखभाल मुश्किल हो जाएगी। अफसर ने कहा, पति को अवकाश दिलवा दें। आप सरकारी मुलाजिम हैं, चुनाव तो करवाना होगा।
एक कर्मचारी ने बताया, उन्हें भांजी की शादी में शहर से बाहर जाना है। एक ही भांजी है, बहन के यहां पहली शादी है, मामेरा जरूरी है। इस पर अफसर ने कहा कि आप पत्नी-बच्चों को भेज दें, वे शादी अटेंड कर लेंगे। ड्यूटी तो निरस्त नहीं होगी।
परीक्षण के बाद ही राहत
आवेदनों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कलेक्टर मनीष सिंह ने सख्त गाइडलाइन तय कर दी है। इसके अनुसार आवेदन का परीक्षण कर निर्णय लिया जाएगा। शादी वाले मामलों में तो सिर्फ बेटे-बेटी होने पर ही राहत मिलेगी।