मध्यप्रदेश में चुनाव से पहले उथल-पुथल तेज हो गई है। कांग्रेस ने बसपा के बाद अब सपा के साथ नजदीकियां नजर आ रही हैं। इसी सिलसिले में समाजवादी पार्टी के प्रमुख एवं उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव गुरुवार को भोपाल पहुंच रहे हैं। माना जा रहा है कि चुनाव से पहले अखिलेश यादव के साथ कमलनाथ की यह मुलाकात अहम साबित हो सकती है। गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश की सीमा से लगे मध्यप्रदेश में 20 जिलों में पिछड़ा वर्ग का वोटबैंक ज्यादा है। ऐसे में कांग्रेस बसपा और सपा के साथ मिलकर भाजपा को हराना चाहती है।
दो दिन से चल रही है हलचल
मध्यप्रदेश में बसपा के साथ गठबंधन तय कर कांग्रेस काफी उत्साहित है, वहीं अब समाजवादी पार्टी के मुखिया के भोपाल आने और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के साथ उनकी संभावित मुलाकात को लेकर अटकलें लग रही हैं।
कमलनाथ और अखिलेश की होगी खास मुलाकात
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिल्ली से बुधवार शाम को भोपाल पहुंच गए। जबकि गुरुवार को 11 बजे समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पहुंच जाएंगे। माना जा रहा है कि गुरुवार को दोनों दिग्गजों की मुलाकात हो सकती है। इस मुलाकात के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं। बसपा के बाद समाजवादी पार्टी के साथ भी गठबंधन से इनकार नहीं किया जा सकता है। इसे मुलाकात को आने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी और 2019 के लोकसभा चुनाव से भी जोड़कर देखा जा रहा है।
गठबंधन पर शिवराज का तंज
इधर, मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के बसपा के साथ हाल ही में हुए गठबंधन पर तंज कसा है। चौहान ने कहा कि कांग्रेस धोखेबाज पार्टी है। उसने जिससे भी गठबंधन किया है। वे रो रहे हैं। कर्नाटक में कांग्रेस के साथ गठबंधन करके सरकार बनाने वाले कुमार स्वामी हाल ही में मीडिया के सामने रो रहे थे। स्वामी कह रहे थे कि वे गठबंधन का घुट पी रहे हैं।
इधर, नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने कहा कि भाजपा को रोकने के लिए गठबंधन आज की जरूरत है। हम बसपा के साथ ही सपा के साथ भी गठबंधन कर सकते हैं।
पूर्व राज्यपाल से भी करेंगे मुलाकातइस दौरान गुरुवार को अखिलेश यादव पूर्व राज्यपाल अजीज कुरैशी से मुलाकात करेंगे। इस दौरान कुछ खास मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है।
अखिलेश तो पहले ही कर चुके हैं घोषणा
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव तो 6 जून को एक प्रेस कांफ्रेंस कर ऐलान कर चुके हैं कि उनकी पार्टी आने वाले लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी।
MP में यह है स्थिति
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का विंध्य, बुंदेलखण्ड और ग्वालियर-चंबल संभाग के 14 जिलों में प्रभाव है। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में बसपा चार सीटों पर चुनाव जीती थी। मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में 62 सीटें ऐसी रहीं जहां बसपा प्रत्याशी ने 10 हजार से ज्यादा और 17 सीटों में 30 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। इसी ताकत के बल पर कांग्रेस पार्टी बसपा से गठबंधन चाहती है।