मध्यप्रदेश में नवंबर में चार राज्यों के चुनाव होने जा रहे हैं। इनमें मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मिजोरम शामिल हैं। इस बार यह भी हो सकता है कि तेलंगाना राज्य के भी चुनाव साथ-साथ कराने का विचार किया जा रहा है। हाल ही में भोपाल आए चुनाव आयुक्त के दौरे पर यह बात साफ हो गई थी कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव एक साथ नहीं होंगे। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों के नेताओं से बात करते चुनाव की तारीखों पर विचार किया था। सूत्रों के मुताबिक मध्यप्रदेश में 26 नवंबर से 30 नवंबर के बीच चुनाव कराए जा सकते हैं। इनका मानना है कि त्योहारों को ध्यान में रखते हुए यह सबसे अनुकूल समय है।
पिछले माह ही भोपाल दौरे पर आए मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने सभी दलों से मुलाकात कर चुनाव के संबंध में चर्चा की थी। माना जा रहा है कि पार्टियां भी चाहती हैं कि वोटिंग से पहले 7 नवंबर की दीपावली और 21 नवंबर की ईद दोनों ही संपन्न हो जाए। जिससे ज्यादा से ज्यादा मतदान करने के लिए लोग आ सके।
पिछले चुनावों में ऐसा था कार्यक्रम
-पिछले चुनावों में आयोग ने 4 अक्टूबर 2013 को चुनाव की घोषणा की थी। इसके बाद 25 नवंबर 2013 को वोटिंग हुई थी।
यह है संभावना
-मध्यप्रदेश में एक चरण और छत्तीसगढ़ में दो चरणों में चुनाव कराए जा सकते हैं। सूत्रों का अनुमान है कि पिछले चुनावों की तरह ही इन्हीं तिथियों के आसपास आचार संहिता लग सकती है। जबकि वोटिंग 26 से 30 नवंबर के बीच कराई जा सकती है। इससे पहले अक्टूबर अंत तक चुनाव की अधिसूचना जारी हो सकती है।
मध्यप्रदेश में है 230 सीटें