सर्ट ने ईओडब्ल्यू को जनवरी 2019 में रिपोर्ट सौंपी थी। इसके अनुसार टेंडरों में छेड़छाड़ करके उनके रेट बदले गए थे। इसके बाद उन्हें फिर से ई-पोर्टल पर चढ़ाया गया था। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में बताया गया है कि टेंडर में छेड़छाड़ के लिए एयरटेल नेटवर्क का उपयोग किया गया था। आईपी एड्रेस ओस्मो आईटी सोल्यूशन कंपनी के कम्प्यूटर और उसके संचालकों के फोन से मैच हुए हैं।
पोर्टल टेस्टिंग के लिए दिया था पासवर्ड
ई-टेंडर पोर्टल बनाने वाली एंटारेस कंपनी का कहना है कि हमने ई-टेंडर पोर्टल की परफार्मेंस टेस्टिंग का काम ओस्मो आईटी सोल्यूशन को दिया था। इसके लिए ओस्मो को लॉगिन करने आईडी-पासवर्ड दिया था। हमने ओस्मो को बीच में ही हटा दिया, लेकिन कंपनी को दिए गए लॉगिन आईडी और पासवर्ड बंद करना भूल गए। उसी का दुरुपयोग कर ओस्मो ने हजारों करोड़ के टेंडर में छेड़छाड़ की है।