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लाभ वाले फीडर निजी कंपनियों को, नुकसान वाले बिजली कंपनी के पास

locationभोपालPublished: Dec 19, 2018 01:12:33 am

Submitted by:

Ram kailash napit

इलेक्ट्रिसिटी एक्ट संशोधन विधेयक लागू हुआ तो…

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भोपाल. शहर के अरेरा कॉलोनी, एमपी नगर, दस नंबर, बिट्टन मार्केट जैसे पॉश क्षेत्रों में बिजली वितरण व बिल वसूली व्यवस्था निजी एजेंसियों के हाथों में जा सकती है। पुराने शहर के करोंद, छोला, टीला जमालपुरा समेत स्लम एरिया का जिम्मा कंपनी के पास ही रहेगा। इलेक्ट्रिसिटी संशोधन विधेयक 2018 लागू होने पर ये व्यवस्था रहेगी। यानी जो क्षेत्र या उपभोक्ता समय पर बिल जमा कर रहे हैं, उनके पास बिजली और बिल पहुंचाने का जिम्मा निजी एजेंसियों को दिया जाएगा। जिन क्षेत्रों में वितरण व वसूली मुश्किल है, वहां बिजली कंपनी के इंजीनियर ही व्यवस्था संभालेंगे। इस विधेयक को संसद से मंजूरी मिलने के बाद लागू किया जाएगा। गौरतलब है कि शहर के 255 फीडर में से 132 फीडर पर लॉस 40 प्रतिशत से अधिक है। इनमें 80 फीसदी पुराने शहर से जुड़े हैं। ऐसे में इलेक्ट्रिसिटी एक्ट संशोधन के आधार पर स्थिति निकालें तो पुराना शहर बिजली कंपनी के पास ही रहेगा, जबकि नए शहर के अधिकतर फीडर निजी एजेंसियों के पास चले जाएंगे।

इंजीनियर 8-9 जनवरी को करेंगे विरोध प्रदर्शन
इलेक्ट्रिसिटी एक्ट संशोधन मामले में बिजली कंपनियों के इंजीनियरों ने विरोध शुरू कर दिया है। आठ और नौ जनवरी 2019 को वे राष्ट्रीय स्तर पर इसके विरोध की तैयारी कर रहे हैं। पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के महाप्रबंधक व इंजीनियरिंग एसोसिएशन के पदाधिकारी वीकेएस परिहार का कहना है कि कुछ निजी एजेंसियों को लाभ दिलाने ये कवायद की जा रही है। हम इसका विरोध करेंगे। लागू होने की स्थिति में बड़ा आंदोलन करेंगे।

बिजली खंभे के बाद का देंगे वितरण अधिकार
नए संशोधन में हैरानी वाली बात ये भी हैं कि बिजली खंभे तक लाइन दुरुस्त रखने का जिम्मा तो बिजली कंपनी के पास ही होगा, इसके बाद यानी खंभे की केबल से मीटर तक की व्यवस्था और वसूली का काम निजी एजेंसी करेगी।

पहले भी किए प्रयास, पर नहीं हुए सफल
विभाग ने बिजली वितरण व्यवस्था को निजी हाथों में देने के लिए पहले भी प्रयोग किए। जहांगीराबाद समेत पुराने भोपाल के कुछ जोन फ्रेंचाइजी के सुपुर्द किया था, पर वे इन क्षेत्रों में काम नहीं कर पाए।
एक ही क्षेत्र में कई वितरक
संशोधित एक्ट में प्रावधान है कि एक ही एरिया में बिजली आपूर्ति का जिम्मा एक से अधिक व्यक्ति या संस्थाएं भी ले सकेंगी। ये ठीक वैसे ही होगा, जैसे केबल ऑपरेटर करते हैं। एक घर में एक का कनेक्शन तो दूसरे में किसी और का। जो उपभोक्ता बकाया नहीं देगा या ब्लैकलिस्टेड होगा, वह बिजली कंपनी के जिम्मे होगा। यानी लाभ कमाने में निजी एजेंसियों को आगे किया जाएगा और जहां दिक्कतें होगी वह बिजली कंपनी संभालेगी।
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