इसमें कहा गया है कि स्वदेशी कोयले की पर्याप्त मात्रा होने के बावजूद पावर जनरेटिंग कंपनी के अधिकारियों ने विदेशी कोयला खरीदी का अनुबंध अदानी ग्रुप से समाप्त नहीं किया। कंपनियों के अफसरों पर कार्रवाई करने के बजाए ऊर्जा विभाग ने उनका संरक्षण करते हुए जवाब दिया है कि देश में कोयले की आपूर्ति कम होने के कारण अदानी ग्रुप के माध्यम से विदेशी कोयला खरीदा गया।
प्रदेश में स्वदेशी कोयले की कमी के चलते मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड ने अपने संजय गांधी, बिरसिंगपुर, सतपुड़ा, सारणी और खंडवा ताप विद्युत इकाई के लिए 7.0 एलएमटी आयातित कोयले की आपूर्ति के लिए मैसर्स अदानी इंटर प्राइजेज लिमिटेड से 534.़४५ करोड़ रुपए का अनुबंध वर्ष 2015 में किया था।
प्रदेश में स्वदेशी कोयले की कमी के चलते मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड ने अपने संजय गांधी, बिरसिंगपुर, सतपुड़ा, सारणी और खंडवा ताप विद्युत इकाई के लिए 7.0 एलएमटी आयातित कोयले की आपूर्ति के लिए मैसर्स अदानी इंटर प्राइजेज लिमिटेड से 534.़४५ करोड़ रुपए का अनुबंध वर्ष 2015 में किया था।
कैग की रिपोर्ट में बताया गया है कि जिस समय अदानी ग्रुप से महंगे दामों में 1.76 एलएमटी विदेशी कोयला खरीदा गया, उस दौरान 12.68 एलएमटी स्वदेशी कोयला स्टॉक में था। इससे सरकार को 51. 24 करोड़ रूपए की चपत लगी है।
इधर विभाग ने नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक बताया कि चूंकि स्वदेशी कोयले की कमी थी, जिससे अदानी कंपनी से कोयला खरीदने के संबंध में अनुबंध किया गया था। अदानी की सप्ताई के दौरान ही स्वदेशी कोयला उपलब्ध हुआ, लेकिन अनुबंध के अनुसार अदानी से कोयला खरीदना जरूरी था। विभाग की उक्त सफाई को नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक नकारते हुए अपनी रिपोर्ट में कहा कि अनुबंध समाप्त करना कंपनी के हाथ में था, लेकिन अदानी से अनुबंध समाप्त नहीं किया।