मार्कशीट की गलती सुधारना बोर्ड का काम है। हमारे तरफ बोर्ड को लिखित में पत्र लिख दिया गया था। छात्र इसके बाद काफी दिनों तक हमारे पास आया नहीं। अब आगे जो भी होगा वो बोर्ड से होगा।
भागचंद बघेल, प्राचार्य, शासकिय, विद्यालय बरखेड़ाहाट
सरकारी लापरवाही कहीं चकनाचूर न कर दे पूरे गांव का सपना
भोपाल
Published: May 04, 2022 07:12:00 pm
भोपाल। सरकारी लापरवाही के यूं तो कई किस्से होंगे लेकिन ये मामला तो समूचे गांवभर के अरमानों में पानी फेरने जैसा है। दरअसल गुना जिले के सरखो गांव का एक नौजवान 10वीं की मार्कशीट में फोटो बदलवाने के लिए पिछले 6 सालों से बोर्ड ऑफिस से लेकर अपने सरकारी स्कूल के चक्कर काट रहा है लेकिन अभी तक उसकी समस्या जस की तस बरकरार है। गुना जिले के शासकीय विद्यालय बरखेड़ाहाट में साल 2017 में दसवीं की पढ़ाई करने वाले दिनेश बंजारा की मार्कशीट में पड़ोस के गांव के लड़के तुलाराम की फोटो लग गई। एडमिट कार्ड आने पर जब दिनेश ने प्राचार्य से इस बारे में बताया तो प्राचार्य ने एडमिट कार्ड में चस्पा तुलाराम की फोटो के ऊपर दिनेश की फोटो लगाकर सील और साइन कर दिया। जिसके बाद छात्र परीक्षा में भी बैठ गया। उसके बाद से जब दिनेश को आगामी वक्त में अन्य कार्यों में दिक्कते शुरू हुईं तब उसने स्कूल के प्राचार्य से कई मर्तबा गुहार लगाई लेकिन इसका निराकरण आजतक स्कूल के जिम्मेदार लोग नहीं करवा पाए। दिनेश ने बताया कि पहले एक बार स्कूल की तरफ से बोर्ड को पत्र लिखा गया लेकिन वो पत्र एक साल बाद वापस आ गया। उसके बाद जब हमने स्कूल के प्राचार्य से मदद मांगी तो उन्होंने हाथ खड़े कर दिए और बोला कि तुम अपने हिसाब से देख लो हम कुछ नहीं कर सकते।
दो सरकारी परीक्षा पास कर चुका है नौजवान
बता दें दिनेश बंजारा ने अभी हालहि में मध्यप्रदेश पुलिस के आरक्षक और एसएससी जीडी की परीक्षआ उतीर्ण कर ली है। एमपी पुलिस के आरक्षक परीक्षा के बाद अब 20मई को फिजिकल परीक्षआ भोपाल में होनी है। वहीं एसएससी जीडी की फिजिकल परीक्षा आगामी कुछ महीनों में होने वाली है। ऐसे में दिनेश अब अपने आगामी भविष्य को लेकर काफी चिंतित है। दिनेश ने कहा कि अगर मेरी मार्कशीट में फोटो नहीं बदली तो मैं दोनों ही परीक्षा से बाहर हो जाऊंगा और मेरे पूरे गांव का सपना टूट जाएगा।
पहली बार गांव में पास की है किसी ने सरकारी परीक्षा
गुना जिले के सरखो गांव में ऐसा पहली मर्तबा हुआ है जब किसी नौजवान ने दो- दो सरकारी परीक्षा पास की हो। यानी की इस गांव में आजतक कोई व्यक्ति सरकारी नौकरी में नहीं है। इसलिए संपूर्ण गांव का सपना है कि उनके गांव से कोई सरकारी नौकरी करे। ऐसे में दिनेश बंजारा पूरे गांव की उम्मीद थी कि ये सरकारी नौकरी में जाएगा और गांव का नाम रौशन करेगा। लेकिन मार्कशीट की समस्या में जिस प्रकार से निराशा हाथ लगी है उससे अब गांव के लोगों की उम्मीदें भी टूटने लगी हैं।
...नहीं हुआ समाधान तो अब मामा के पास जाऊंगा
गुना जिले के सरखो गांव से राजधानी भोपाल के चक्कर काट- काट कर हताश हो चुके नौजवान दिनेश बंजारा ने कहा कि बोर्ड ऑफिस के गेट के अंदर ही नहीं घुसने देते। अब अगर मेरी समस्या का समाधान नहीं हुआ तो सीधे मामा यानी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से मिलने की कोशिश करूंगा। पता वहां मुझे कोई घुसने भी नहीं देगा लेकिन कोशिश करने में क्या हर्ज है।
मार्कशीट की गलती सुधारना बोर्ड का काम है। हमारे तरफ बोर्ड को लिखित में पत्र लिख दिया गया था। छात्र इसके बाद काफी दिनों तक हमारे पास आया नहीं। अब आगे जो भी होगा वो बोर्ड से होगा।
भागचंद बघेल, प्राचार्य, शासकिय, विद्यालय बरखेड़ाहाट
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