शोधपरक स्टडी कर तैयार हो रिपोर्ट
कर्मचारियों ने कुलपति प्रो. प्रमोद कुमार वर्मा व रजिस्ट्रार डॉ. यूएन शुक्ल से अपील की है कि तालाब के संरक्षण के लिए छात्र व शिक्षक को आगे लाएं। साथ ही लाइफ साइंस के प्रोफेसरों से शोधपरक स्टडी कर सुझाव सहित रिपोर्ट तैयार कराई जाए।जिसे आगामी कार्रवाई के लिए राज्यपाल और मुख्यमंत्री को सौंपा जाए। इससे बीयू का योगदान भी तय हो सकेगा।
कर्मचारियों ने कुलपति प्रो. प्रमोद कुमार वर्मा व रजिस्ट्रार डॉ. यूएन शुक्ल से अपील की है कि तालाब के संरक्षण के लिए छात्र व शिक्षक को आगे लाएं। साथ ही लाइफ साइंस के प्रोफेसरों से शोधपरक स्टडी कर सुझाव सहित रिपोर्ट तैयार कराई जाए।जिसे आगामी कार्रवाई के लिए राज्यपाल और मुख्यमंत्री को सौंपा जाए। इससे बीयू का योगदान भी तय हो सकेगा।
कुलपति ने लाइफ साइंस डिपार्टमेंट के प्रोफेसर्स को रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए हैं। तालाब संरक्षण के लिए की गई मांग की सूचना संबंधित कार्यालयों को भेजी जा रही है। इसमें सभी पूरा सहयोग करेंगे।
डॉ. यूएन शुक्ल, रजिस्ट्रार बीयू
डॉ. यूएन शुक्ल, रजिस्ट्रार बीयू
तालाब को बचाने का लिया संकल्प
बड़ा तालाब को बचाने के लिए सोमवार शाम भोजपुरी समाज के लोगों ने शीतलदास की बगिया में जल पूजा की। इसके बाद लोगों को तालाब की रक्षा और पानी बचाने का संदेश दिया। इस दौरान समाज के लोगों ने तालाब बचाने के लिए संकल्प भी लिया। मंच के अध्यक्ष कुंवर प्रसाद ने कहा कि तालाब बचाने के लिए सभी को आगे आना चाहिए। इस मौके पर राजू तिवारी, आलोक चतुर्वेदी, योगेंद्र सिंह, सरिता सिंह, मोहन सिंह, राजेश यादव, कुलदीप सेंगर, घनश्याम बंसल, राजेंद्र साकरे, ओजस्विी कुमारी, रवि प्रसाद सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
बड़ा तालाब को बचाने के लिए सोमवार शाम भोजपुरी समाज के लोगों ने शीतलदास की बगिया में जल पूजा की। इसके बाद लोगों को तालाब की रक्षा और पानी बचाने का संदेश दिया। इस दौरान समाज के लोगों ने तालाब बचाने के लिए संकल्प भी लिया। मंच के अध्यक्ष कुंवर प्रसाद ने कहा कि तालाब बचाने के लिए सभी को आगे आना चाहिए। इस मौके पर राजू तिवारी, आलोक चतुर्वेदी, योगेंद्र सिंह, सरिता सिंह, मोहन सिंह, राजेश यादव, कुलदीप सेंगर, घनश्याम बंसल, राजेंद्र साकरे, ओजस्विी कुमारी, रवि प्रसाद सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।
कैचमेंट में बनीं कॉलोनियों का सर्वे शुरू, बनेगी रिपोर्ट
भोपाल. बड़ा तालाब कैचमेंट एरिया में खेती की जमीन पर बिना किसी अनुमति विकसित हो चुकी अवैध कॉलोनियां सरकार की कॉलोनी वैधता की मुहिम से बाहर रहेगी। नगर निगम ने तालाब कैचमेंट में शामिल गांवों में विकसित हो चुकी अवैध कॉलोनियों का सर्वे शुरू कर दिया है। इन कॉलोनियों की पूरी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी, ताकि इन्हें इस मुहिम से बाहर करने पर सरकारी मुहर लग सके और निगम इन निर्माणों को हटाने की कार्रवाई कर सके।
नगर निगम सिटी प्लानिंग शाखा के चीफ सिटी प्लानर सुभाषिश बैनर्जी के अनुसार कैचमेंट की अवैध कॉलोनियों का सर्वे भी अलग हो रहा है। इन कॉलोनियों को वैध नहीं करने और हटाने की कार्रवाई शुरू करने का पूरा प्रस्ताव शासन को जल्द ही भेजा जाएगा। गौरतलब है कि पत्रिका ने हाल ही में कैचमेंट की अवैध कॉलोनियों के वैध होने की आशंका जताई थी।बड़ा तालाब कैचमेंट एरिया में भोपाल की सीमा के 66 गांव शामिल हंै। इन गांवों की कृषि भूमि पर बिना टीएंडसीपी अप्रूवल और निगम या पंचायत की अनुमति के करीब 22 कॉलोनियां अवैध तरीके से विकसित हो चुकी हैं। अधिकांश कॉलोनी तालाब के सात किमी के दायरे में हैं।
भोपाल. बड़ा तालाब कैचमेंट एरिया में खेती की जमीन पर बिना किसी अनुमति विकसित हो चुकी अवैध कॉलोनियां सरकार की कॉलोनी वैधता की मुहिम से बाहर रहेगी। नगर निगम ने तालाब कैचमेंट में शामिल गांवों में विकसित हो चुकी अवैध कॉलोनियों का सर्वे शुरू कर दिया है। इन कॉलोनियों की पूरी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगी, ताकि इन्हें इस मुहिम से बाहर करने पर सरकारी मुहर लग सके और निगम इन निर्माणों को हटाने की कार्रवाई कर सके।
नगर निगम सिटी प्लानिंग शाखा के चीफ सिटी प्लानर सुभाषिश बैनर्जी के अनुसार कैचमेंट की अवैध कॉलोनियों का सर्वे भी अलग हो रहा है। इन कॉलोनियों को वैध नहीं करने और हटाने की कार्रवाई शुरू करने का पूरा प्रस्ताव शासन को जल्द ही भेजा जाएगा। गौरतलब है कि पत्रिका ने हाल ही में कैचमेंट की अवैध कॉलोनियों के वैध होने की आशंका जताई थी।बड़ा तालाब कैचमेंट एरिया में भोपाल की सीमा के 66 गांव शामिल हंै। इन गांवों की कृषि भूमि पर बिना टीएंडसीपी अप्रूवल और निगम या पंचायत की अनुमति के करीब 22 कॉलोनियां अवैध तरीके से विकसित हो चुकी हैं। अधिकांश कॉलोनी तालाब के सात किमी के दायरे में हैं।