अशोका गार्डन के प्रभात चौराहे से रेलवे स्टेशन प्लेटफार्म एक को जाने वाला मार्ग 80 फीट चौड़ा है। इस मार्ग से प्रतिदिन 10 से 15 हजार वाहनों की आवाजाही होती है। दोनों ओर हाथ ठेलों के खड़े होने के अलावा दुकानदारों के सामान रोड तक फैले रहते हैं। उपर से वाहनों की स्थायी पार्किंग के कारण नाम की 80 फीट रोड संकरा होकर 40 फीट यानि दोनों ओर 20-20 फीट रह जाती है। ऐसे में वाहन चालकों को जाम की मुश्किलों के साथ ही गुजरने में परेशानी होती है। खासकर बस, निर्माण सामग्री लेकर आने वाले भारी वाहन के साथ ही कार- जीपों को जाम का सामना करना पड़ता है।
अतिक्रमण के कारण इस सड़क पर पैदल चलना तक मुश्किल हो गया है। कही भी फुटपाथ नहीं है। महिलाओं-बच्चों को मजबूरन फुटपाथ न होने से सड़कों पर चलना पड़ता है, जिससे हर पल सड़क दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। वैसे भी फुटपाथ बनाने के लायक जगह अतिक्रमणकारियों ने नहीं छोड़ी है। सबसे ज्यादा मुसीबत पैदल चलने वालों से है। कई बार सवारी के लिए अचानक सड़क पर ऑटो रोक देते हैं। कई बार साइड देने के चक्कर में वाहन चालक पैदल चलने वालों को ठोकर मार देता है।
राजनीतिक दबाव के आगे नतमस्तक
पिछले एक दशक से इस रोड पर अतिक्रमण हटाने निगम अमला कभी नहीं दिखा। शहर के अन्य इलाकों में कार्रवाई होती, लेकिन नरेला विस में छुटभैये नेताओं के डर से अमला कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। वही एक बड़े नेता के डर के कारण नगर निगम के नाक तले ही अतिक्रमण का जाल इस कदर फैलता जा रहा है कि पूरी चौड़ी रोड सिकुड़ गई है।
दुकानदारों का कब्जा
फुटपाथों व सड़कों की हालत देख कर हर राहगीर के मन में एक ही सवाल उठता है कि अतिक्रमण और वाहनों के तो ऐसे में भला राहगीर चले तो कहां चलेंगे। शहरवासियों के अनुसार शहर की ऐसी हालत के चलते राहगीरों को मजबूरन फुटपाथों की बजाय सड़कों पर चलना पड़ता है। ऐसे कई बार लोग हादसे का भी शिकार हो जाते हैं।
यहां है सबसे अधिक अतिक्रमण
उक्त रोड पर सबसे अधिक अतिक्रमण तालाब प्रभात चौराहा, सब्जी मंडी चौक, परिहार चौक, दशहरा मैदान चौक, अशोका गार्डन थाना, ग्रीन पार्क क्राङ्क्षसग, कम्मू का बाग, स्टेश बजरिया में है। यहां अतिक्रमण के चलते सड़क सकरी होने से अक्सर जाम हो जाता है।
नगर निगम द्वारा आए दिन अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाती है। अशोका गार्डन 80 फीट रोड पर भी अतिक्रमण हटाए जाएंगे। किसी को भी नियमों का उल्लंघन करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
हरीश गुप्ता, पीआरओ, नगर निगम भोपाल