scriptभेल क्षेत्र के तालाब पर कर रहे कब्जा, नहीं हो रहा संरक्षण | Encroachment on water bodies of BHEL area | Patrika News

भेल क्षेत्र के तालाब पर कर रहे कब्जा, नहीं हो रहा संरक्षण

locationभोपालPublished: Oct 22, 2019 01:11:00 pm

– रखरखाव के अभाव में हो रहा खत्म, कई स्थानों पर डाला जा रहा कचरा – तालाब को सुधार कर पानी फिल्टर किया जाए तो समस्या हो सकती हल – जलस्रोतों को बचाने के लिए नहीं किए जा रहा आवश्यक उपाय

भेल क्षेत्र के तालाब पर कर रहे कब्जा, नहीं हो रहा संरक्षण

भेल क्षेत्र के तालाब पर कर रहे कब्जा, नहीं हो रहा संरक्षण

भोपाल. एक ओर तो सरकार जलस्रोतों को बचाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है और जलस्रोतों पर कब्जा करने वालों को अपराधी मानकर सख्त कार्रवाई करने का दावा करती है, लेकिन दूसरी ओर सच्चाई इसके विपरीत है। इसका एक उदाहरण भेल क्षेत्र में बरखेड़ा पठानी 80 फीट रोड के पास स्थित तालाब है, जो वर्षों से उपेक्षित है और वहां पर कब्जे किए जा रहे हैं। वहीं, भेल अधिकारियों का कहना है कि कब्जा करवाने वाला एक संगठित माफिया है, जिसे नेताओं और जनप्रतिनिधियों का संरक्षण प्राप्त है।


उल्लेखनीय है कि भेल क्षेत्र में बरखेड़ा पठानी सेक्टर एफ 80 फीट रोड के पास वर्षों पुराना तालाब है। इतिहासकार राजकुमार गुप्ता, राघवेन्द्र त्रिपाठी, रामगोपाल ठाकुर आदि का कहना है कि इस तालाब से पुराने समय में लोग पानी लेते रहे हैं। इस तालाब के संरक्षण, संवर्धन के स्थान पर इसे भरते हुए अतिक्रमण किया जा रहा है।

इन लोगों ने तालाब को बचाने की मांग करते हुए इसके संवारने, सुधारने की आवाज उठाई है। इस तालाब के काफी हिस्से में कचरा, मलबा डालकर धीरे-धीरे कब्जा किया जा रहा है। कई स्थानों पर बड़ी-बड़ी झाडिय़ां उग आई हैं। तालाब की सफाई और गहरीकरण नहीं होने से काफी दलदल भी बन गया है। धीरे-धीरे तालाब का स्वरूप खत्म होता जा रहा है और यह एक मैदान बनता जा रहा है।

 

जानकारों का कहना है कि इस तालाब की सफाई और गहरीकरण कर दिया जाए तो यहां के लोगों को पानी की उपलब्धता बढ़ जाएगी। लोगों का यह भी कहना है कि नगर निगम के झील संरक्षण प्रकोष्ठ को इसके संरक्षण व अनुरक्षण सौंपी गई थी, लेकिन कोई काम नहीं हुआ। नगर निगम झील संरक्षण प्रकोष्ठ के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह का कोई प्रस्ताव उनके पास नहीं आया है।


भेल की जमीन पर कब्जे करने वाले गरीब लोग नहीं हैं। यह तो एक संगठित गिरोह है, जिसे नेताओं और जनप्रतिनिधियों का संरक्षण प्राप्त है। इनके खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए।
– अनंत टोप्पो, नगर प्रशासक-भेल

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