उल्लेखनीय है कि भेल क्षेत्र में बरखेड़ा पठानी सेक्टर एफ 80 फीट रोड के पास वर्षों पुराना तालाब है। इतिहासकार राजकुमार गुप्ता, राघवेन्द्र त्रिपाठी, रामगोपाल ठाकुर आदि का कहना है कि इस तालाब से पुराने समय में लोग पानी लेते रहे हैं। इस तालाब के संरक्षण, संवर्धन के स्थान पर इसे भरते हुए अतिक्रमण किया जा रहा है।
इन लोगों ने तालाब को बचाने की मांग करते हुए इसके संवारने, सुधारने की आवाज उठाई है। इस तालाब के काफी हिस्से में कचरा, मलबा डालकर धीरे-धीरे कब्जा किया जा रहा है। कई स्थानों पर बड़ी-बड़ी झाडिय़ां उग आई हैं। तालाब की सफाई और गहरीकरण नहीं होने से काफी दलदल भी बन गया है। धीरे-धीरे तालाब का स्वरूप खत्म होता जा रहा है और यह एक मैदान बनता जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि इस तालाब की सफाई और गहरीकरण कर दिया जाए तो यहां के लोगों को पानी की उपलब्धता बढ़ जाएगी। लोगों का यह भी कहना है कि नगर निगम के झील संरक्षण प्रकोष्ठ को इसके संरक्षण व अनुरक्षण सौंपी गई थी, लेकिन कोई काम नहीं हुआ। नगर निगम झील संरक्षण प्रकोष्ठ के अधिकारियों का कहना है कि इस तरह का कोई प्रस्ताव उनके पास नहीं आया है।
भेल की जमीन पर कब्जे करने वाले गरीब लोग नहीं हैं। यह तो एक संगठित गिरोह है, जिसे नेताओं और जनप्रतिनिधियों का संरक्षण प्राप्त है। इनके खिलाफ सख्त एक्शन होना चाहिए।
– अनंत टोप्पो, नगर प्रशासक-भेल