मंत्री बोले, लाइनमैन का मामला बंधा हुआ है, साथी ने कहा- सर कैमरे ऑन है बाद में...
ऊर्जा मंत्री ने किया बिजली कंपनी के कॉल सेंटर का निरीक्षण

भोपाल. नई सरकार के नए ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह बोले- लाइनमैन नहीं चाहता, उसका मामला बंधा हुआ है। नहीं चाहने से यहां आशय लोगों के यहां बिजली समय पर दुरुस्त करने से था। रविवार को वे मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के गोविंदपुरा स्थित मुख्यालय में कॉल सेंटर का निरीक्षण के लिए पहुंचे थे। यहां कंपनी एमडी डॉ. संजय गोयल उन्हें कॉल अटेंड करने की प्रक्रिया बता रहे थे। जल्द बिजली आपूर्ति पर उन्होंने कहा कि लाइनमैन भी जल्दी बिजली बहाल करना चाहता है, इस पर ही सिंह ने ये बात कह दी। हालांकि उनके साथ साथी ने तुरंत इशारा कर कहा, सर बाद में, कैमरे ऑन है। कॉल सेंटर के साथ ही वे लाइन मॉनिटरिंग व कंट्रोल करने वाले सेंटर भी पहुंचे। यहां बिजली कंपनी के अफसरों ने उन्हें बड़ी लाइन यानी हाइटेंशन में पूरी सप्लाई और उसकी मॉनिटरिंग, फाल्ट की जानकारी, फाल्ट निकालने के काम बताए। आम उपभोक्ता के घर तक होने वाली छोटी लाइन यानी लो-टेंशन लाइन पर कोई बात नहीं हुई। मंत्री ने कहा कि 45 लाख उपभोक्ताओं के बावजूद महज 8000 शिकायतें मिल रही हैं। ये एक फीसदी से भी कम है।
मंत्री के सामने अफसरों के दावे
सरकारी कंपनियों में स्काडा पर सबसे तेज और ज्यादा काम मध्यक्षेत्र ने किया, इंदौर, जबलपुर फिसड्डी हैं।
दिल्ली की टाटा पावर के साथ अनुबंध, उन्होंने इसे सराहा, वे हमारे यहां ट्रेनिंग लेने आएंगे।
भोपाल सिटी के 354 में से 280 फीडर स्काडा से कंट्रोल हो रहे हैं।
लाइन बंद करने का परमिट अब स्काडा कंट्रोल सेंटर से ही मिल रहा है।
आए तो तीखे, मुस्कुराते हुए निकले
मंत्री जैसे ही कॉल सेंटर पहुंचे तो उन्होंने कॉल डेटा, लॉग बुक मंगवाकर अफसरों से सवाल-जवाब शुरू कर दिया। कुछ देर के लिए तो तमाम अफसर मंत्री के इस तेवर से सहम गए। थोड़ी देर में कॉल सेंटर के नंबर के प्रति जागरुकता बढ़ाने के उपाय करने की बात कहते हुए डाटा कंट्रोल सेंटर पहुंचे। यहां बड़ी लाइनों को चालू रखने की आधुनिक तकनीक दिखाकर 24 घंटे बिजली आपूर्ति के आंकड़े दिखाए। यहां सभी बातें मानकर मंत्रीजी मुस्कुराते हुए रवाना हो गए।
कंट्रोल सेंटर की स्क्रीन नहीं हुई चालू
मंत्री प्रियव्रत सिंह कॉल सेंटर से सीधे स्काडा कंट्रोल, मॉनिटरिंग सेंटर पहुंचे। यहां बड़ी सी स्क्रीन लगी है जिसमें शहर के तमाम फीडर नजर आते हैं कि कौन चालू या बंद है। मंत्री के पहुंचने से रवानगी तक ये स्क्रीन चालू नहीं हो पाई थी। उन्हें कंप्यूटर की स्क्रीन पर डिटेल दिखाई गई।
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