लोगों ने पुलिस से जताया विरोध
मंगलवार रात लोगों ने जब प्रशासनिक नंबरों के वाहनों में महिलाओं और बच्चों को बैठकर वन विहार के रास्ते से आता जाता देखा तो मौके पर मौजूद पुलिस अफसरों से आपत्ति दर्ज कराने का प्रयास किया। मौके पर हो रहे हो हल्ले के बीच पुलिस अधिकारियों ने इसे कानून व्यवस्था बताकर मामला दबाने का प्रयास किया। मौके पर मौजूद लोगों में इस बात को लेकर आक्रोश रहा कि आम लोगों को अपने परिवार के बुजुर्ग, बच्चों और महिलाओं को लेकर दो किमी पैदल चलवाया गया जबकि वीआईपी के परिवारों को वाइल्ड लाइफ संरक्षित क्षेत्र से देर रात वाहन सहित आने जाने की छूट दी गई।
एक्सपर्ट कमेंट—
वन विहार के प्रतिबंधित मार्ग को वीआईपी वाहनों के लिए देर रात तक खोलना पूरी तरह से नियम विरूद्ध है। वाइल्ड लाइफ प्रोटेक्शन एक्ट १९७२ में ये दंडनीय अपराध है। किसके कहने पर एेसा हुआ इसकी जांच होना चाहिए। – आजाद सिंह डबास, पूर्व एपीसीसीएफ
कोर्ट में दिखाएंगे रिकॉर्डिंग
वन विहार के अंदर चंद रोज पहले रेप की घटना होना, दो मगरमच्छ के गायब होने और वीआईपी वाहनों को देर रात एंट्री देने के मामले में सेंट्रल जू अथॉरिटी से शिकायत की है। सैर सपाटा गेट की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग भी मांगी है जिसके डिलीट होने का अंदेशा है। आयोजन से पहले प्रशासनिक कमेटी भी गठित नहीं की गई। इस कुप्रबंधन के खिलाफ न्यायालय में अपील करेंगे। – अजय दुबे, शिकायतकर्ता, पर्यावरणविद
प्रबंधन की सफाई—
मेरी जानकारी में एेसा कुछ नहीं हुआ है। बल्कि बोट क्लब के कार्यक्रम के चलते वन विहार में टूरिस्ट नहीं आ पाए। इससे वन विहार को नुकसान ही हुआ। – एके जैन, डिप्टी डायरेक्टर, वन विहार