बक्सवाहा जंगल बचाने 1 अगस्त से जबलपुर में जुटेंगे पर्यावरण प्रेमी
भोपाल. बक्सवाहा के जंगल को बचाने देशभर के पर्यावरणविद एक से 3 अगस्त तक जबलपुर में जुटेंगे। 20 राज्यों के पर्यावरण संरक्षकों के समूह एकत्रित होंगे। दो अगस्त को बक्सवाहा जाएंगे और वहां आगे की रणनीति तय होगी। तीन अगस्त को जबलपुर में सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और एनजीटी में मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता जानकारी देंगे। यदि सरकार जंगल कटने से नहीं रोकती है तो बक्सवाहा में पेड़ों से चिपककर उनकी रक्षा करेंगे। यह जानकारी डॉ. सुभाष सी पांडे, भूपेन्द्र सिंह सहित अन्य पर्यावरणविदों ने प्रेसवार्ता में दी।
क्यों काटा जा रहा जंगल
डॉ. पांडे ने बताया कि कार्बन डाइ ऑक्सीइड कैप्चरिंग तकनीक से हीरे बन रहे हैं। इसमें वातावरण में मौजूद इस गैस से कार्बन अलग करके हीरा बनाया जाता है। इसके साथ अंडरग्राउंड माइनिंग भी हो सकती है जिसमें पेड़ काटने की जरूरत नहीं होगी। जमीन के नीचे से ही माइनिंग की जा सकती है। हाल ही में एएसआइ ने बताया कि वहां पर 22 हजार साल पुराने शैलचित्र भी मिले हैं। इस प्रकार यह स्थल तो मानवीय विकास से भी जुड़ा हुआ है। ऐसे स्थान को खत्म नहीं किया जाना चाहिए।