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सिंहस्थ घोटाला – लंबे समय से चल रही जांच में ईओडब्ल्यू ने दर्ज की 2 पर एफआईआर

locationभोपालPublished: Sep 29, 2019 11:19:15 am

Submitted by:

KRISHNAKANT SHUKLA

सिंहस्थ घोटाला : अफसरों पर ईओडब्ल्यू में दो एफआईआर, लंबे समय से चल रही थी जांच

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भोपाल. सिंहस्थ में हुए शौचालय और एलईडी घोटाले में ईओडब्ल्यू ने दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है। शौचालय फिनिशिंग घोटाले में नगर निगम उज्जैन के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने ठेकेदार से बिना फिनिशिंग कराए ही 1.32 करोड़ का पेमेंट कर दिया। इसी तरह मेला परिसर में लगी एलईडी लाइट के संबंध में की गई जांच में 1664 एलईडी कम पाई गई, जबकि नगर निगम उज्जैन ने 3.50 करोड़ का पेमेंट ठेका एजेंसी को किया।

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ईओडब्ल्यू डीजी केएन तिवारी ने बताया कि दोनों मामलों में लंबे समय से जांच चल रही थी। इसके बाद एफआईआर दर्ज की गई है। शौचालय फिनिशिंग मामले में जिन पर एफआईआर दर्ज की गई है, उनमें नगर निगम उज्जैन के कार्यपालन यंत्री रामबाबू शर्मा और राकेश श्रीवास्तव, सहायक यंत्री पीयूष भार्गव, सब इंजीनियर श्याम सुंदर शर्मा, कांट्रेक्टर सिद्धार्थ जैन और ब्रिक एंड बॉन्ड एन्फोकॉन इंदौर हैं।

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एलईडी मामले में कार्यपालन यंत्री रामबाबू शर्मा, सब इंजीनियर जीतेंद्र श्रीवास्तव, एचपीएल इलेक्ट्रिक एंड पॉवर नायडा के डायरेक्टर ऋषि सेठ, मैनेजर मनोज कुमार जैन पर मामला दर्ज किया गया है। उधर, वाटर सप्लाई के लिए बिछाई गई पाइपलाइन में अधिक भुकतान को लेकर ईओडब्ल्यू ने पीई दर्ज की है।

 


जानकारी के मुताबिक उज्जैन नगर पालिक निगम के अफसरों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी यानी पीएचई विभाग के तहत पाइपलाइन बिछाने के एक मामले में प्राथमिक जांच भी शुरू की गई है। डीजी तिवारी के मुताबिक जो काम 15 करोड़ रुपए में हो सकता था, उसके लिए 50 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। यानी की 35 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान इस मामले में किया गया है। वहीं फर्जी मस्टर रोल बनाने और उसमें 75 लाख रुपये के अतिरिक्त भुगतान मामले में भी प्राथमिक जांच शुरू की गई है।

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