क्या कहा शिवराज ने ?
शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा- नागरिकों के हित को देखते हुए #COVID19outbreak के बेहतर प्रबंधन के लिए आज से सरकार ने मध्यप्रदेश में एसेंशियल सर्विसेज़ मैनेजमेंट एक्ट (Essential Services Management Act) जिसे ESMA या हिंदी में ‘अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून’ कहा जाता है, तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।
शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा- नागरिकों के हित को देखते हुए #COVID19outbreak के बेहतर प्रबंधन के लिए आज से सरकार ने मध्यप्रदेश में एसेंशियल सर्विसेज़ मैनेजमेंट एक्ट (Essential Services Management Act) जिसे ESMA या हिंदी में ‘अत्यावश्यक सेवा अनुरक्षण कानून’ कहा जाता है, तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है।
शिवराज ने कहा- प्रदेश के राजस्व विभाग के मेरे अधिकारी-कर्मचारी बहनों और भाइयों, आपकी पूरी टीम #COVID19 के खिलाफ युद्ध में पूरी ताकत से मोर्चे पर डटी हुई है। आम लोगों को #Lockdown के कारण अत्यावश्यक वस्तुओं की कमी न हो, इसमें आप कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इस लड़ाई में मैं आपके साथ खड़ा हूँ!
क्यों लगाया गया एस्मा
सरकार एस्मा लगाने का फैसला इसलिए करती हैं कि हड़ताल की वजह से लोगों के लिए आवश्यक सेवाओं पर बुरा असर पड़ने की आशंका होती है।
ये कानून अनिवार्य सेवाओं को बनाए रखने के लिये लागू किया जाता है।
वैसे जिस सेवा पर एस्मा लगाया जाता है, उससे संबंधित कर्मचारी हड़ताल नहीं कर सकते। अन्यथा हड़तालियों को छह माह तक की कैद या ढाई सौ रुपए जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं।
क्या होता है एस्मा?
एस्मा एक कानून है , जो संसद द्वारा पारित अधिनियम है। इसे 1968 में लागू किया गया था। हड़ताल को रोकने के लिए यह कानून लगाया जाता है। एस्मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को समाचार पत्र या अन्य माध्यमों से सूचित किया जाता है। यह कानून अधिकतम छह माह के लिए लगाया जा सकता है। इसके लागू होने के बाद यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध और दंडनीय है। कानून का उल्लंघन कर हड़ताल पर जाने वाले किसी भी कर्मचारी को बगैर वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है।
एस्मा एक कानून है , जो संसद द्वारा पारित अधिनियम है। इसे 1968 में लागू किया गया था। हड़ताल को रोकने के लिए यह कानून लगाया जाता है। एस्मा लागू करने से पहले इससे प्रभावित होने वाले कर्मचारियों को समाचार पत्र या अन्य माध्यमों से सूचित किया जाता है। यह कानून अधिकतम छह माह के लिए लगाया जा सकता है। इसके लागू होने के बाद यदि कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध और दंडनीय है। कानून का उल्लंघन कर हड़ताल पर जाने वाले किसी भी कर्मचारी को बगैर वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है।
कांग्रेस की आपत्ति
कांग्रेस से राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा- प्रधानमंत्री जी के आवाहन पर देश के सभी अधिकारी कर्मचारी चिकित्सक २४/७, मौलिक संसाधनो की कमी की परवाह किए बिना सेवाए दे रहे है। कार्य से इनकार का एक भी वाक़या नहीं – फिर किस कारण से ESMA लागू करने का निर्णय हुआ ? ESMA काम बंद ( स्ट्राइक) अथवा धारा 5 के उल्लंघन पर ESMA के प्रयोग की परिस्थिति देश में अब तक कही भी उपस्थित न है ना होनी चाहिए। पूरा देश इस संकट की घड़ी में एक है। तो ESMA का प्रयोग किसके विरुद्ध किया जाए गा। डॉक्टर्ज़ , नर्स , वार्ड बॉज़ ,अन्य सरकारी कर्मचारी या मध्य प्रदेश की जनता। हर लॉजिक के विपरीत ये एक्शन है।