इसका कारण आर्कटिक से निकलने वाली सर्दी को बताया जा रहा है, दरअसल आर्कटिक से निकलने वाली ये सर्दी यूरोप और अमरीका में दक्षिण की ओर फैल रही है, जो पश्चिमी विक्षोभ को उत्तर भारत की तरफ धकेल रही है, जिसकी वजह से भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है।
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आर्कटिक क्षेत्र, उत्तरी धु्रव के चारों ओर फैला विशाल क्षेत्र है। आकार की बात करें तो यह धरती के लगभग 1/6 भाग पर फैला है। इसका आकार रूस, चीन और भारत के के बराबर है।
फिर लौटेंगी सर्द हवाएं !…
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में तीन दिन से जारी कोल्ड डे और कोल्ड वेव के बाद बुधवार को दिन के समय कुछ राहत मिली। दरअसल बुधवार को उत्तर की ओर से आ रहीं बर्फीली हवाओं का रुख बदलते ही दिन के तापमान में लगभग 4 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज हुई। अधिकतम तापमान 24 डिग्री के पार पहुंच गया।
वहीं मौसम विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एके शुक्ला के अनुसार हिमालयी क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो रहा है, जिससे अगले तीन दिन ठंड से राहत रहेगी। हालांकि तीन फरवरी के बाद फिर से ठंड बढऩे का अनुमान है। साथ ही एक सिस्टम भी बन रहा है, जिससे मौसम में बदलाव आएगा।
जानकारों का कहना है कि आर्कटिक पर पोलर वोर्टेक्स (धु्रवीय चक्रवात) से हवाओं में उतार-चढ़ाव के कारण दिसंबर 2018 से लेकर अब तक ठंड का असर अमरीका, यूरोप और उत्तर भारत में पड़ता दिख रहा है।
अंतिम पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत से टकरा चुका है, जिसका प्रभाव गुरुवार तक रहेगा। MUST READ : मौसम अलर्ट: अब इस बात का है गंभीर खतरा! अमरीका: पारा -51 डिग्री पहुंचा…
वहीं दूसरी ओर अमरीकी मौसम विभाग ने आशंका जताई है कि कई इलाकों में तापमान माइनस 50 डिग्री हो चुका है। टेनिसी में तापमान माइनस 51 डिग्री सेल्सियस है। 12 राज्यों में लोगों को बाहर बिल्कुल न निकलने की चेतावनी दी गई है।
ठंड का असर जानवरों पर भी पड़ रहा है। जर्मनी के डोनाऊ में डेन्यूब नदी को पार करने की कोशिश में एक लोमड़ी पानी में गिर गई। कुछ देर में पानी पूरी तरह जम गया और लोमड़ी की उसी में फंसकर मौत हो गई।
दिनभर के तापमान में उतार-चढ़ाव
समय : तापमान
सुबह 05.30 : 5.6
बजे
08.30 बजे : 10.6
सुबह/दोपहर
11.30 बजे : 20.4
02.30 बजे : 23.0
शाम
05.30 बजे : 21.0