scriptसाफ-सफाई के लिए लाखों रुपए का ठेका देने के बाद भी जगह-जगह कचरे का ढेर | Even after awarding contracts for millions of rupees, heaps of garbage | Patrika News

साफ-सफाई के लिए लाखों रुपए का ठेका देने के बाद भी जगह-जगह कचरे का ढेर

locationभोपालPublished: Nov 13, 2019 08:19:31 pm

Submitted by:

Rohit verma

bप्रदेश की पहली आइटी कृषि उपज मंडी में की जा रही स्वच्छता का अनदेखी

साफ-सफाई के लिए लाखों रुपए का ठेका देने के बाद भी जगह-जगह कचरे का ढेर

साफ-सफाई के लिए लाखों रुपए का ठेका देने के बाद भी जगह-जगह कचरे का ढेर

भोपाल. लक्ष्मीनारायण कृषि उपज मंडी करोंद प्रदेश की पहली आइटी मंडी बन चुकी, उसके बाद भी यहां नीलामी के बाद होने वाली साफ-सफाई व्यवस्था ध्वस्त पड़ी हुई है। मंडी की साफ-सफाई का ठेका 3.5 लाख रुपए प्रतिमाह के रेट पर पुराने ठेकेदार विजय आहूजा के पास है। बताया गया कि उनके पास पहले से केटरिंग का ठेका भी होने के कारण उनकी दबंगई के चलते मंडी की साफ-सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते नीलामी के बाद फैला कचरा भी पूरी तरह मंडी परिसर से साफ नहीं किया जा रहा है।

इसमें सबसे अधिक समस्या फल-सब्जी सेक्शन में देखने को मिल रही है। यहां नीलामी में निकलने वाला गीला कचरा फैला रहता है। कुछ तो यहां घूमते मवेशी खाकर साफ कर देते हैं, मंडी की सफाई व्यवस्था उनके ठेके पर होती है, लेकिन उनके सफाई कर्मचारी इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे हैं।

 

व्यापारियों ने बताया कि नई बनी मंडी में शेड, सड़क, नीलामी की जगह तो पर्याप्त है, लेकिन स्वच्छता की अनदेखी का यही हाल रहा तो कुछ सालों में यह मंडी में नवबहार मंडी जैसी हो जाएगी। जहां लोगों को बारिश में आना भी मुश्किल हो जाएगा। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि सफाई का नया टेंडर निकलने की तैयारी हो चुकी है।

होना यह चाहिए
बताया गया कि थोक सेक्शन में नीलामी के बाद फैले कचरे की सफाई नीलामी के बाद ही दिन में हो जाना चाहिए। फुटकर सेक्शन में शाम के समय सफाई होना चाहिए। इसके बाद मच्छरों से बचाव को लेकर दवाईयों का छिड़काव भी होते रहना चाहिए। इसका मंडी ने पहले एक करोड़ रुपए का ठेा दिया था। इसके बाद ठेके की राशि भी बढ़ाई गई, पर ठेका पुराने ठेकेदार के पास ही है।

 

मंडी का कचरा डिस्पोजल सेक्शन
निकले वाले कचरे के डिस्पोजल व उससे गैस बिजली बनाने का संयत्र पर भी काम चल रहा है। कचरा जमा करने डम्पिंग सेक्शन मंडी में बना हुआ है, लेकिन कचरा उसमें डाले जाने की जगह परिसर से उठाया ही नहीं जा रहा। सूखे कचरे में लहसुन,प्याज के छिलके पूरे मंडी में हवा चलने पर उड़ते रहते हैं। शाम के समय मवेशी परिसर में रखे कचरे के साथ किसानों का नीलामी के लिए फल-सब्जी भी खा जाते हंै।

साफ-सफाई ठेके के लिए नया टेंडर किया गया है। वैसे पुराने ठेकेदार के पास यह व्यवस्था 3.5 लाख रुपए प्रतिमाह के भुगतान के साथ दी गई है। सफाई तो रोजाना होती है, दो डम्पिंग यार्ड भी बने हैं, दो और बनाने की योजना है। मंडी में एक दिन भी साफ- सफाई न हो तो कचरा फैला दिखाई देने लगता है। मैं मंडी में खुद कई स्थानों पर खड़े होकर ठेकेदार को कहकर तत्काल साफ- सफाई करवाता हूं।
राजेंद्र सिंह बघेल, सचिव, कृषि उपज मंडी करोंद

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो