एक कर्मचारी को विश्रामघाट पर तैनात किया गया है, जो नगर निगम की सफाई व्यवस्था संभाल रहा है, जिसे भी निगम द्वारा बुला लिया जाता है। ऐसे में अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोगों को जानकारी के अभाव में परेशान होना पड़ता है। बारिश में खुले मैदान पर रखी लकडिय़ां गीली हैं जो जलने लायक नहीं हैं। ऐसे में यहां परजिनोंं के अंतिम संस्कार करने आने वाले लोगों को बेहद परेशानी हो रही है।
सब जगह लगा शेड, जहां जरूरत वहां नहीं
यथा शक्ति धाम में लोगों की परेशानी को देखते हुए महापौर द्वारा करीब 8 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य किया जा रहा है। इसमें 5 करोड़ रुपए की लागत के कार्य किए जा चुके हैं। इसके तहत सभी जगह शेड लगाए गए हैं, लेकिन जहां सबसे ज्यादा जरूरत महसूस की जा रही थी या फिर उसके लिए अलग से गोदाम बनाया जाना था, वहां कोई निर्माण नहीं किया गया। इससे गीली लकडिय़ां लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई हैं।
लकड़ी रखने के लिए बनाया जाएगा शेड
विश्राम घाट पर करोड़ों के विकास कार्य चल रहे हैं, अभी आगे भी काम किए जाने हंै। हमारा कर्तव्य है कि प्रत्येक नागरिक को सुविधा मिले। लकडिय़ों के लिए भी गोदाम या शेड का निर्माण किया जाएगा।
आलोक शर्मा, महापौर
विश्राम घाट पर लकडिय़ां खुले में पड़ी रहती हैं, जबकि गोदाम बना हुआ है। ऐसे में कर्मचारियों को निकालने मे ंपसीना छूट रहा है। इससे वे बाहर ही पड़ी रहने देते हैं, जिससे परेशानी होती है।
जितेश खुबानी, स्थानीय रहवासी
बारिश में बाहर पड़ी लकडिय़ां गीली होती रहती हैं इसके लिए टीन शेड की बेहद जरूरत है। ऐसे में अंतिम संस्कार में लकडिय़ां गीली होने से आग बार-बार बुझ जाती है।
मनोज त्रिपाठी, स्थानीय रहवासी