script20-50 के फार्मूले पर जांच में जीएडी प्रतिनिधि की अनिवार्यता खत्म | Examination on 20-50 formula ends GAD representative's compulsory | Patrika News

20-50 के फार्मूले पर जांच में जीएडी प्रतिनिधि की अनिवार्यता खत्म

locationभोपालPublished: Nov 21, 2019 08:59:55 am

सरकारी अधिकारी-कर्मचारी की कार्यक्षमता की स्क्रूटनी में सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के प्रतिनिधि को रखने की अनिवार्यता खत्म

mantralaya.jpg

mantralaya.jpg

भोपाल। प्रदेश में बीस साल की सेवा या पचास साल की उम्र पूरी करने वो सरकारी अधिकारी-कर्मचारी की कार्यक्षमता की स्क्रूटनी में सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) के प्रतिनिधि को रखने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। इसकी बजाए अब मुख्य सचिव ही अपनी ओर से प्रतिनिधि रखेंगे। इसके लिए संबंधित विभाग को पहले छानबीन समिति का प्रस्ताव मुख्य सचिव को भेजना होगा, फिर मुख्य सचिव अपना प्रतिनिधि नियुक्त करेंगे।

दरअसल, अगस्त 2019 में जीएडी के आदेश के तहत छानबीन समिति में जीएडी उपसचिव को रखना अनिवार्य किया गया था। इसमें विभागाध्यक्ष को छोड़कर बाकी सभी राजपत्रित अधिकारी के स्तर पर छानबीन समिति में जीएडी का प्रतिनिधि रखने की अनिवार्यता के आदेश जारी कर दिए गए थे, जिसे अब निरस्त कर दिया गया है। इसकी बजाए सीएस-प्रतिनिधि समिति में रहेगा। इसके अलावा सभी विभागों को जल्द से जल्द स्क्रूटनी करके नौकरी से अनिवार्य रूप से बाहर करने वाले अधिकारी-कर्मचारी के नाम देने के लिए कहा गया है।

ये है मामला- सीएम कमलनाथ ने अगस्त में 20-50 के फार्मूले पर कार्यक्षमता न रखने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों के नाम मांगे थे, ताकि उन्हें अनिवार्य रूप से सरकारी सेवा से बाहर किया जा सके। लेकिन, विभागों ने इस पर लापरवाही बरती। तीन महीने होने के बावजूद अधिकतर विभागों ने इस पर कोई रिपोर्ट नहीं दी है। महज जीएडी और विमानन विभाग में इस पर समय पर बैठकें हुई। विमानन विभाग ने दो अधिकारियों को इस फार्मूले के आधार पर नौकरी से बाहर भी कर दिया है, जबकि अन्य जगह पर अभी तक कोई और अधिकारी-कर्मचारी नौकरी से बाहर करने की स्थिति में नहीं पाया गया है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो