कोर्ट जारी जारी सर्च वारंट की अवधि भी 21 अक्टूबर को हो रही है। वारंट की अवधि खत्म होने के साथ ही भोपाल, इंदौर, छतरपुर, रायसेन और ग्वालियर के ठिकानों से जप्त संपत्ति, आभूषण, नगद, जमीन-जायदाद आदि से जुड़े भ्रष्टाचार संबंधी रिपोर्ट शासन को सौंपी जाएगी। बताया जा रहा है कि मंगलवार तक खरे को पद से हटाया जा सकता है। लोकायुक्त पुलिस द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में खरे द्वारा संपत्ति अर्जित करने के तौर-तरीकों का भी उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट में खरे बताया गया है कि खरे जब 4 सितंबर, 1998 में सर्विस में आए तब से अब तक उन्हें शासन द्वारा कुल दिया गया वेतन और उनके द्वारा जीवन निर्वहन पर किए गए खर्चें का तुलनात्मक चार्ट बनाकर वर्तमान संपत्ति का मूल्य भी रिपोर्ट में भेजा जा रहा है।
खरे की पहली नियुक्ति 8 हजार मूल वेतन पर हुई थी। वहीं, जब खरे ने जाटखेड़ी में जब 65 लाख रुपए में 469 वर्गफीट पर 309 वर्गफीट बना आलीशान बंगला खरीदना बताया तब 23130 रुपए मूल वेतन ग्रेड वेतन मिलता था। खरे ने यह बंगला मेसर्स श्री बिल्डर्स एंड डेवलपर्स से खरीदा है। वहीं, 175.65 वर्गफीट का सेंचूरी-21 मॉल में ऑफिस 34 लाख रुपए में खरीदा गया। इसकी 2013 में रजिस्ट्री करवाई गई। रायसेन में 8.4 एकड़ जमीन 2007 में 14.75 लाख रुपए में खरीदी थी, तब भी खरे की आय इतनी नहीं थी।
निपानिया इंदौर में भी 15 वर्गफीट का प्लॉट 2008 में खरीदा है। अवयस्क बेटियां अनन्या और सुकन्या व पत्नी मीनाक्षी के नाम भी बाद में कई संपत्तियां खरीदी। एफडी की। हाउसिंग बोर्ड से भी प्लॉट खरीदा गया। खरे ने संपत्ति खरीदने के लिए आईसीआईसीआई बैंक और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस भी करवाया, लेकिन जल्द ही यह चुका दिया गया हैं।
शुरु से ही जमीन में निवेश करने का शौकिन
खरे ने भोपाल में 2004-05 से ही भूखंड खरीदना शुरु कर दिया था। 2004 और 2005 में में तीन प्लॉट खरीदे। इसके बाद 2007 में रायसेन में 24.64 एकड़ जमीन खरीदी। इसके बाद इंदौर में प्लॉट, फिर भोपाल में फिर रायसेन में जमीन-प्लॉट खरीदना शुरु किया। यह सिलसिला सतत जारी रहा।
खरे ने खेती को बताया लाभ का धंधा
खरे ने जमीन खरीदने, संपत्ति खरीदने के दौरान पैसे की व्यवस्था में खेती से अर्जित आय, किराया और लोन को आधार बताया है। सबसे अधिक खेती को लाभ का धंधा बताकर आय दिखाई गई हैं। खरे ने पत्नी मीनाक्षी के नाम पर कुसुम गृह निर्माण सहकारी समिति भोपाल में 2008 में प्लॉट खरीदा था। इसे कृषि आय से ही खरीदना बताया। वहीं, मीनक्षी व अवस्यक बेटी अनन्या के नाम पर खरीदी गई संपत्ति भी स्वयं के व्यवसाय से खरीदना बताया है। लोकायुक्त पुलिस यह भी छानबीन कर रही है कि खरे शासकीय सेवा में रहते हुए कौन सा व्यवसाय करता था, जिससे संपत्ति अर्जित करने लायक आय हो सके। खरे ने तारासेवनिया में 2007 में ही 17.42 एकड़ जमीन खरीद ली थी, जिसे बाद में बेच दिया।
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