जनजातीय संग्रहालय स्थापना दिवस पर नि:शुल्क मिलेगा प्रवेश
भोपाल। जनजातीय संग्रहालय का नौवां स्थापना दिवस समारोह 6 से 10 जून तक आयोजित किया जाएगा। इसमें अलग-अलग प्रदेशों के लोक एवं जनजातीय नृत्य, संगीत, चित्र प्रदर्शनी, शिल्प मेला और उल्लास के अंतर्गत कठपुतली प्रदर्शन संयोजित होगा। पहले दिन 6 जून को भीली जलकथा पिथौरा पर एकाग्र समवेत नृत्य नाटिका की प्रस्तुति कोरियोग्राफर चंद्रमाधव बारिक के निर्देशन में होगी। इसी दिन पद्मश्री अर्जुन सिंह धुर्वे बैगा जनजातीय नृत्य, पद्मश्री रामसहाय पाण्डे के निर्देशन में राई लोक नृत्य की प्रस्तुति होगी। संग्रहालय में वर्षगांठ के अवसर पर 6 से 8 जून तक दर्शकों और पर्यटकों के अवलोकन के लिए प्रवेश नि:शुल्क रहेगा। 6 जून को शाम-7 बजे समारोह के शुभ आरम्भ सत्र में पद्मश्री से विभूषित पांच कलाकार मौजूद रहेंगे।
स्थापना दिवस समारोह में प्रतिदिन दोपहर-12 बजे से देशज व्यंजन, शिल्प मेला और शाम-7 बजे से नृत्य व अन्य गतिविधियों का प्रदर्शन किया जाएगा। दूसरे दिन 7 जून को शीला त्रिपाठी व साथी बघेली गायन, धन्नूलाल सिन्हा 'तृष्णा चंपेय' जातक आधारित नाट्य व मध्यप्रदेश के जनजातीय और लोक नृत्यों की प्रस्तुति देंगे। 8 जून को संगीता कपिल व साथी निमाड़ी गायन पेश करेंगे तो मध्यप्रदेश, मणिपुर, मिजोरम, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तराखण्ड, राजस्थान, बिहार और उत्तरप्रदेश के जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुतियां होंगी। 9 जून को दीपा श्रीवास्तव व साथी बुंदेली गायन पेश करेंगे तो मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक, उत्तराखण्ड, राजस्थान, बिहार, उत्तरप्रदेश, झारखण्ड और ओडिशा के जनजातीय नृत्यों की प्रस्तुति दी जाएंगी। समारोह के समापन दिवस 10 जून को शालिनी व्यास मालवी गायन पेश करेंगे। इस मौके पर गोण्ड जनजातीय चित्रकार पद्मश्री दुर्गा बाई के चित्रों की प्रदर्शनी शलाका भी आयोजित की जाएगी।