राजधानी के कोर्टयार्ड मेरिएट होटल में मंगलवार को ‘एक्सपोजर कम ट्रेनिंग प्रोग्राम’ का शुभारंभ हुआ। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री माया सिंह ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में महापौर आलोक शर्मा, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार के स्मार्ट सिटीज डायरेक्टर संजीव कुमार, नगरीय विकास आयुक्त विवेक अग्रवाल, नेशनल इंस्टीट्यूशन ऑफ गवर्नेंस एंड अर्बन मैनेजमेंट के डायरेक्टर एसएस राजपूत, नगर निगम कमिश्नर प्रियंकादास आदि मौजूद हैं। देश की 8 स्मार्ट सिटी से प्रतिनिधि भोपाल आए हैं। यह आयोजन दो दिनों तक चलेगा।
साइट विजिट करेंगे प्रतिभागी
कार्यक्रम में भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड की पब्लिक बाइक शेयरिंग, आईसीसीसी, स्मार्ट पोल और स्मार्ट स्ट्रीट लाइट योजना का प्रजेंटेशन भी दिया गया। इसके बाद कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागी साइट विजिट करेंगे। इसमें आईएसबीटी स्थित आईटीएमएस, होशंगाबाद रोड पर पीबीएस, साइकिल टै्रक, ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम, स्मार्ट पोल और बिट्टन मार्केट स्थित बायो मिथेनाइजेशन प्लांट का भ्रमण शामिल है।
कार्यक्रम में भोपाल स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड की पब्लिक बाइक शेयरिंग, आईसीसीसी, स्मार्ट पोल और स्मार्ट स्ट्रीट लाइट योजना का प्रजेंटेशन भी दिया गया। इसके बाद कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रतिभागी साइट विजिट करेंगे। इसमें आईएसबीटी स्थित आईटीएमएस, होशंगाबाद रोड पर पीबीएस, साइकिल टै्रक, ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम, स्मार्ट पोल और बिट्टन मार्केट स्थित बायो मिथेनाइजेशन प्लांट का भ्रमण शामिल है।
कार्यक्रम के अगले दिन 8 नवंबर को प्रतिभागी हेरीटेज कंजरवेशन वर्क सदर मंजिल और ट्रायबल म्यूजियम का भ्रमण करेंगे। यहां जबलपुर और इंदौर स्मार्टसिटीज कंपनी के कार्यपालक निदेशक अपने-अपने शहरों में मिशन के तहत हुए कामों का प्रजेंटेशन देंगे।
स्थान बदलने की सुनवाई पूरी
मप्र हाईकोर्ट में उन जनहित याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है, जिसमें भोपाल के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में नियमों के उल्लंघन का मामला उठाया गया है। चीफ जस्टिस हेमंत कुमार गुप्ता व विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता, राज्य सरकार व भोपाल नगर निगम के पक्ष सुनकर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।
मप्र हाईकोर्ट में उन जनहित याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है, जिसमें भोपाल के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में नियमों के उल्लंघन का मामला उठाया गया है। चीफ जस्टिस हेमंत कुमार गुप्ता व विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता, राज्य सरकार व भोपाल नगर निगम के पक्ष सुनकर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।