देशभर से बच्चों को चुना
इंडियन हीमोफीलिया फेडरेशन ने सोसायटी को 12 करोड़ रुपए के फैक्टर-8 उपलब्ध कराए थे। सोसायटी ने राजधानी भोपाल सहित देश के अलग-अलग राज्यों से 50 से ज्यादा बच्चों को फैक्टर लगाए गए। इसके साथ ही कुछ बच्चों का ऑपरेशन भी कराया गया।
देश में डेढ़ लाख लोग इससे पीडि़त हैं। ब्लड में फैक्टर-8 के अभाव से हीमोफ ीलिया-ए व फैक्टर-9 में हीमोफीलिया-बी बीमारी होती है। शरीर के किसी हिस्से में आंतरिक या बाहरी रक्त स्त्राव होता है। आंतरिक रक्तस्त्राव होने पर यह जमकर ट्यूमर का रूप ले लेता है।
प्रदेश में हीमोफीलिया के करीब 10 हजार मरीज हैं, लेकिन अभी तक सिर्फ 11 सौ मरीज ही रजिस्टर्ड हैं। यानी करीब 9 हजार लोगों को यह पता नहीं है कि उन्हें हीमोफ ीलिया है। ऐसे में उन्हें चोट लगने या फि र अपने आप ब्लीडिंग शुरू होने पर उनकी हालत बिगड़ जाती है।
इंडियन हीमोफीलिया फेडरेशन से पर्याप्त फैक्टर-8 मिल गया था। ऐसे में हमने बच्चों को लगा दिया। इससे बच्चों को बोर्ड एग्जाम के दौरान परेशान नहीं होना पड़ेगा।
डॉ. आरके निगम, सचिव, भोपाल हीमोफीलिया सोसायटी