scriptJob fraud : पांच पत्नियों के शौक पूरे करने के चक्कर में बन गया ठग, कई को तो नौकरी के Appointment letter भी दे दिए | Fake Appointment Letter | Patrika News

Job fraud : पांच पत्नियों के शौक पूरे करने के चक्कर में बन गया ठग, कई को तो नौकरी के Appointment letter भी दे दिए

locationभोपालPublished: Oct 17, 2019 01:53:40 am

Submitted by:

Radhyshyam dangi

एम्स में नर्स की भर्ती का झांसा देकर करता था ठगी, मास्टरमाइंड सहित दो को एसटीएफ ने किया गिरफ्तार

Fake Appointment Letter

Job fraud : पांच पत्नियों के शौक पूरे करने के चक्कर में बन गया ठग, कई को तो नौकरी के Appointment letter भी दे दिए

भोपाल. अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में नर्स के पद पर भर्ती और नियुक्ति करवाने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह के दो मास्टर माइंड को बुधवार को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गिरफ्तार कर लिया। गिरोह के मास्टर माइंड दिलशाद खान ने कई महिलाओं को ठगा है। तीन से पांच लाख रुपए लेकर नौकरी का झांसा देता था। कई को तो वह फर्जी नियुक्ति पत्र तक दे चुका है।
एसटीएफ की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि आरोपी दिलशाद खान ने पांच महिलाओं से शादी कर रखी है। पांचों पत्नियों के उच्च स्तरीय रहन-सहन का खर्चा उठाने के लिए वह लोगों को झांसा देकर ठगी करता था। दिलशाद खुद को जबलपुर निवासी बता रहा है, जबकि वह भोपाल में भी रहता है। एम्स के पास पिपलिया पैंदे खां में दिलशाद का एक घर है। आरोपी दिलशाद के साथ एसटीएफ ने भोपाल निवासी आलोक कुमार बामने को भी गिरफ्तार किया है। एडीजी एसटीएफ अशोक अवस्थी के निर्देशन में एसपी राजेश सिंह भदौरिया ने रणनीति बनाकर डोडी से दिलशाद को गिरफ्तार किया। दिलशाद एक संगठित गिरोह के रुप में काम कर रहा था। उसने नर्स के पद पर भर्ती करवाने के नाम पर अब तक 50 से अधिक लड़कियों से लाखों रुपए की ठगी की है। इधर, दिलशाद की एक पत्नी पिपलिया पैंदे खां में भी रहती है। उसे गिरफ्तारी की सूचना मिली तो वह उसे छुड़ाने एसटीएफ के दफ्तर तक पहुंच गई।

पत्नियों से भी होगी पूछताछ
दिलशाद खान ने एसटीएफ को बताया कि उसकी चौथी पत्नी द्वारा जबलपुर में एक निजी अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। दूसरे आरोपी आलोक बामने की पत्नी शासकीय कन्या छात्रावास पटेल नगर भोपाल में अधीक्षक है। एसटीएफ द्वारा इस प्रकरण में आलोक बामने की पत्नी की भूमिका की जांच भी की जा रही है। गिरोह का पर्दाफाश करने में एसटीएफ के निरीक्षक सुभाष दरश्यामकर व उप निरीक्षक आदित्य शर्मा के नेतृत्व में गठित की गई आठ सदस्यीय टीम की अहम भूमिका रही।

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