सीमेंट कंपनी की डिटेक्टिव एजेंसी के कर्मचारियों का कहना है कि वे पुलिस को महीनों पहले शिकायत कर चुके हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं की। आरोपी 40 फीसदी कम दाम में नकली सीमेंट उपलब्ध कराते हैं। चोरी का माल बताकर व्यापारियों को गुमराह करते थे। सीएसपी लोकेश सिन्हा के अनुसार आरोपियों ने जिन व्यापारियों-ठेकेदारों के जरिए सीमेंट खपाई है, उनकी पहचान की जाएगी।
आरोपियों ने बताया कि रेलवे रैक, गोदामों से निकली खुली सीमेंट, खराब (ठोस) हो चुकी सीमेंट को वे 50 पैसे प्रति किलो में खरीद थे। उसे ग्राइंडर से पीसने के बाद छानकर 20 फीसदी असली सीमेंट के साथ मिक्स कर ब्रांडेड बैगों में पैक कर देते थे। असली सीमेंट मिली होने की वजह से उपयोग के दौरान नकली सीमेंट की पहचान नहीं हो पाती है।
1. केके ट्रेडर्स: विधाता अस्पताल के पास रासलाखेड़ी छोला, व्यापारी कमल महावर वर्षों से इस धंधे में जुटा था। उसके गोदाम से 500 बोरी नकली सीमेंट, उपकरण जब्त किए गए हैं।
2. बृजेश यादव: पातरा पुलिया के पास बड़ा गोदाम खोल रखा है। 1000 बोरी नकली सीमेंट मिली। पुलिस ने मौके से गिरफ्तार किया।
3. पप्पू सिंह धाकड़: चोपडा़ कलां सूखीसेवनिया में दो साल से नकली सीमेंट बना रहा था। 100 बोरी सीमेंट बरामद। धाकड़ को गिरफ्तार किया गया।
4. मोबिन खान: चोपड़ा कलां में पप्पू सिंह धाकड़ की तरह गोरखधंधा शुरू किया। छापेमारी की भनक लगते ही वह फरार हो गया। 200 बोरी नकली सीमेंट जब्त।
कैलाश तिवारी, सीमेंट कंपनी की डिटेक्टिव विंग के कर्मचारी
अयोध्या नगर सीएसपी बिट्टू शर्मा से शिकायत की थी। शहर में नकली सीमेंट बिक रही है।
महेश आदन, अल्ट्राटेक सीमेंट की डिटेक्टिव विंग के कर्मचारी