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फर्जी अंकसूची से किया ग्रेजुएशन, पासपोर्ट बनवाने आई तो खुला राज

locationभोपालPublished: Oct 05, 2019 01:17:37 am

मप्र ओपन बोर्ड की बताई थी १२वीं की मार्कशीट

fake mark sheets is used for passport

फर्जी अंकसूची से किया ग्रेजुएशन, पासपोर्ट बनवाने आई तो खुला राज

भोपाल. क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में पासपोर्ट आवेदन के वक्त एक युवती द्वारा अकादमिक दस्तावेज के रूप में १२वीं क्लास की फर्जी मार्कशीट लगाने का मामला सामने आया है। इमिग्रेशन चेक नॉट रिक्वायर्ड (ईसीएनआर) श्रेणी के तहत पासपोर्ट बनवाने के लिए दो माह पहले युवती ने आवेदन किया था। दस्तावेज सत्यापन के समय 12वीं की अंकसूची संदिग्ध लगी। हालांकि उसकी ग्रेजुएशन की मार्कशीट सही थी। मामले में पासपोर्ट कार्यालय ने दस्तावेज सत्यापन के लिए भेजा। रिपोर्ट में पता चला कि अंकसूची ओपन स्कूल की नहीं है। युवती ने इस फर्जी अंकसूची के आधार पर ग्रेजुएशन किया। विभाग ने युवती को बुलाया तो उल्टा युवती ही पॉलिसी मेटर के नोडल अधिकारी से बहस करने लगी। जब अधिकारी ने यह मामला पुलिस के पास भेजने की बात की तब युवती शांत हुई। गलत जानकारी देने पर इस मामले में युवती पर 5 हजार रुपए की पेनल्टी लगाई गई।

मप्र ओपन बोर्ड की अंकसूची में सर्वाधिक फर्जीवाड़ा
हाल ही में आयोजित पासपोर्ट अदालत में सबसे ज्यादा केस फर्जी मार्कशीट के आाए थे। पासपोर्ट विभाग ने जब जांच कराई तो ज्यादातर अंकसूची मप्र स्टेट ओपन स्कूल की थीं। कुछ अंकसूची सीबीएसई की थीं। पासपोर्ट अधिकारी ने बताया कि इन मार्कशीट की बनावट व फॉन्ट देखते ही संदेह होता है लिहाजा अंकसूची का सत्यापन कराया जाता है।

ऐसे भी मिल सकता है ईसीएनआर पासपोर्ट
पासपोर्ट विभाग के मुताबिक अगर आवदेक 10वीं भी पास नहीं है, लेकिन वो इनकम टैक्स रिटर्न भरता हो या विदेश में तीन साल रहा हो तो ऐसे में उसे बिना अंकसूची के ही ईसीएनआर श्रेणी का पासपोर्ट जारी किया जाता है। फर्जी अंकसूची के केस में आवेदक पर 5 से 50 हजार रुपए तक का जुर्माना व आपराधिक मामला दर्ज कराए जाने का प्रावधान है।

युवती ने पासपोर्ट के लिए जो अंकसूची लगाई वो सत्यापन में फर्जी साबित हुई। युवती की दिसंबर में शादी होने वाली है। लिहाजा उसके माता-पिता ने बेटी के खिलाफ कोई कार्रवाई न करने का निवेदन किया है।
विभाग ने पेनल्टी लगाकर फाइल क्लोज कर दी है।
– रश्मि बघेल, क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी, मप्र

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