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अफसरों के फर्जी सर्टिफिकेट के खुले राज तो हैरान रह गई जांच टीम

locationभोपालPublished: Aug 13, 2017 07:47:00 am

Submitted by:

Juhi Mishra

एनआईटीटीटीआर के दो प्रोफेसरों के स्कूल सर्टीफिकेट उजागर हुए हैं, जो उन्होंने यहां पर नौकरी प्राप्त करने के लिए लगाए थे।

Fake professor in NITTTR

Fake professor in NITTTR

 भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल में एक विवादित मामला सामने आ रहा है। यहां दो प्रोफेसरों के स्कूल सर्टीफिकेट उजागर हुए हैं, जो उन्होंने यहां पर नौकरी प्राप्त करने के लिए लगाए थे। इसमें से एक प्रो. दशरथ सिंह करौलिया ने 12 वर्ष की उम्र में ही कक्षा दसवीं पास कर ली थी। वहीं दूसरे ने राजेश कुमार दीक्षित जिन्होंने 14 वर्ष की उम्र में कक्षा 12वीं की पढ़ाई पूरी कर ली थी।
कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर करौलिया ने माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश से कक्षा दसवीं की पढ़ाई की है। आरटीआई के जरिए कक्षा 10वीं का सर्टीफिकेट सामने आया है। इसके मुताबिक इन्होंने हाईस्कूल परीक्षा मार्च-अप्रैल 1970 में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया है, जबकि जन्म की तारीख एक जनवरी 1958 है। प्रो. करौलिया एनआईटीटीआर भोपाल में करीब तीन साल तक प्रभारी डायरेक्टर भी रहे हैं।
दीक्षित ने इस प्रकार की पढ़ाई
राजेश कुमार दीक्षित ने हायर सेकंडरी की पढ़ाई मप्र बोर्ड से की है। इनके सर्टीफिकेट के अनुसार इन्होंने हायर सेकंडरी पढ़ाई 1979 में पूरी की है। इनको सर्टीफिकेट 1979 की स्थिति में प्राप्त हुया है। दीक्षित का जन्म 30 जून 1965 को हुआ। यह बात भी इसी सर्टीफिकेट से स्पष्ट है। इस लिहाज से इन्होंने करीब 14 वर्ष की उम्र में ही हायर सेकंडरी उत्तीर्ण कर ली। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस दौरान कक्षा 11वीं को ही हायर सेकंडरी कहा जाता था। ऐसे में भी यह पढ़ाई 16 से 17 वर्ष में पूरी होनी चाहिए थी।
इनका कहना है-

० मेरे द्वारा जो दस्तावेज जमा किए गए हैं वे सही हैं। मेरा जन्म 1958 में ही हुआ है और 1970 में हाईस्कूल परीक्षा पास की है। अब यह जांच करा सकते हैं इससे अधिक मैं कुछ नहीं कहूंगा।
प्रो.दशरथ सिंह करौलिया, एनआईटीटीटीआर
० मैंने प्राइवेट तौर पर सीधे कक्षा पांचवी में प्रवेश लिया था। आप जो तारीखें बता रहे हैं वह सही है। यह सिर्फ इसलिए किया जा रहा है ताकि मुझे परेशान किया जा सके। क्योंकि सीबीआई में मैने भूतपूर्व डायरेक्टर के कार्यकाल में हुई गड़बडिय़ों की शिकायत की थी और इनके घरों में छापे पड़े।
प्रो. राजेश कुमार दीक्षित, एनआईटीटीटीआर
० शिक्षा पद्धति में शुरुआत से ही उम्र का क्राईटेरिया रहा है। इतनी कम उम्र में कोई हाईस्कूल व हायर सेकंडरी कैसे उत्तीर्ण कर सकता है। यह दस्तावेज कूटरचित हैं। राजेश कुमार तिवारी ने जबलपुर से 19 साल में बीई पूरा कर लिया है। जोकि संभव नहीं है।
प्रतीक शर्मा, आरटीआई आवेदनकर्ता
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