आयुष विभाग द्वारा पकड़े गए इस डॉक्टर का नाम आरके खरे बताया जाता है। जिसका क्लीनिक त्रिलंगा क्षेत्र में था। लोगों का आरोप है कि वह 100 रूपए फीस लेकर मरीजों का इलाज करता था और दवाई के नाम पर उनसे 1500 से 2000 रूपए वसूल करता था। मुखबीर से शिकायत मिलने पर आयुष विभाग की टीम ने डॉक्टर के खिलाफ छापामार कार्रवाई की।
रहवासियों ने की थी शिकायत
जानकारी के अनुसार डॉक्टर आर के खरे की शिकायत आस पास के रहवासियों द्वारा की गई थी। रहवासियों ने डॉक्टर रजिस्ट्रेशन बोर्ड के अधिकारियों को इसकी सूचना दी थी। जिसके चलते बोर्ड के सदस्यों ने डॉक्टर पर एक्शन लिया।
सात दिन का दिया गया था नोटिस
रहवासियों की शिकायत पर डॉक्टर रजिस्ट्रेशन बोर्ड के कुछ मेम्बर्स ने क्लीनिक पर पहुंच कर जांच की। इस दौरान उन्हें डॉक्टरी के संबंधित कोई दस्तावेज नहीं मिले। जिसके चलते डॉक्टर रजिस्ट्रेशन बोर्ड के अधिकारियों ने डॉक्टर को सात दिन का समय दिया ताकि वे अपने सभी जरूरी दस्तावेज प्रस्तुत कर सके। पर, सात दिन के अंदर डॉक्टर अपने दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। जिसके तहत उसके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
रजिस्ट्रेशन बोर्ड ने की कार्रवाई
जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले डॉक्टर रजिस्ट्रेशन बोर्ड के अधिकारियों को त्रिलंगा इलाके में एक छोलाछाप डॉक्टर द्वारा, बगैर डॉक्टरी डिग्री के लोगों के इलाज करने की सूचना मिली थी। टीम ने शनिवार को त्रिलंगा स्थित क्लीनिक पर दबिश दी। यहां उन्हें एक युवक बगैर पात्रता के लोगों का उपचार करते मिला। इस दौरान टीम के सदस्यों द्वारा युवक से डॉक्टरी की पढ़ाई संबंधित दस्तावेज मांगे। जिसे वह मौके पर प्रस्तुत नहीं कर सका। रजिस्ट्रेशन बोर्ड द्वारा तत्काल इसकी सूचना शाहपुरा पुलिस को दी गई। पुलिस ने मामले को संज्ञान में लेकर जांच शुरू कर दी है।