चार मंडियों में अटक गए किसानों के 1.22 करोड़ रुपए
किसान इसकी शिकायत करते हैं तो संबंधित व्यापारी की मंडी में जमा प्रतिभूति राशि से उसका भुगतान करवाया जाएगा।

भोपाल। किसानों की खून पसीने की कमाई को यूं ही लूट लेना व्यापारियों को भारी पड़ेगा। किसान इसकी शिकायत करते हैं तो संबंधित व्यापारी की मंडी में जमा प्रतिभूति राशि से उसका भुगतान करवाया जाएगा। दोषी पाए जाने पर मंडी के अमले पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल पिछले कुछ समय से इस तरह की घटनाएं ज्यादा बढ़ती जा रही हैं कि किसान अपनी उपज जिस व्यापारी को बेचता है, उसका भुगतान समय पर नहीं हो पाता। कुछ व्यापारी कामकाज बंद करके भाग जाते हैं। इस तरह की शिकायतें मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड प्रशासन को लगातार मिल रही हैं। इसे देखते हुए मंडी बोर्ड ने एक दल गठित किया है। दल में शामिल अधिकारियों ने हाल ही में प्रदेश की धार, खंडवा, भोपाल, करही और खरगोन मंडी का दौरा कर जानकारी प्राप्त की। सबसे ज्यादा गड़बड़ी खरगोन मंडी में मिली। यहां किसानों का करीब एक करोड़ रुपए अटक गया है।
इस तरह होगी वसूली
किसानों को उनकी उपज की राशि दिलवाने के लिए मंडी बोर्ड ने प्रयास शुरू कर दिए हैं। सबसे पहले व्यापारी की मंडी में जमा प्रतिभूति राशि को जब्त कर उस राशि को किसानों के खातों में डाला जाएगा। इसके बाद भी राशि पूरी नहीं हो पाती है तो संबंधित मंडी सचिव सहित स्टॉफ से वसूली की जाएगी। मंडी बोर्ड के जानकारों का कहना है कि मंडी बोर्ड की जांच करने गए दल ने मंडियों के कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की है। माना जा रहा है कि उनकी गलती से ही किसानों को पैसा समय पर नहीं मिल पाया। अब से इस पर पैनी नजर रखी जाएगी।
ऐसे करते हैं गड़बड़ी
व्यापारी अनाज खरीदने के बाद उसका अनुबंध, तौलपर्ची, भुगतान पत्रक यहां तक की गेट पास भी बनवा लेते हैं और खरीदी गई उपज को मंडी प्रांगण से बाहर बेच देते हैं। ऐसे में उन्हें तगड़ा मुनाफा मिल जाता है, इसके बाद भी किसानों को भुगतान नहीं करते।
व्यापारियों की प्रतिभूति से भुगतान करवाया जाएगा
जिन मंडियों में किसानों को उपज विक्रय करने के बाद पैसा नहीं मिला है, उसके भुगतान की कार्रवाई चल रही है। व्यापारियों की प्रतिभूति से भुगतान करवाया जाएगा। खरगोन मंडी में प्रतिभूति राशि से भुगतान करवाया जा रहा है। यही व्यवस्था हर जगह होगी।
- चंद्रशेखर वशिष्ठ, अपर संचालक, मंडी बोर्ड
भावांतर योजना में आज से होगी प्याज की खरीदी
भोपाल। भावांतर भुगतान योजना में प्याज की खरीदी 16 मई से शुरू हो रही है। इसके लिए मंडी बोर्ड प्रशासन ने प्रदेश की मंडियों की सूची उद्यानिकी विभाग को भेज दी है। उद्यानिकी विभाग का कहना है कि प्याज खरीदी की तैयारी पूरी है। 8 रुपए किलो के हिसाब से प्याज के सौदे होंगे। यदि प्याज की क्वालिटी हल्की रही तो इससे कम भाव पर भी प्याज बिक सकती है, लेकिन मॉडल रेट का जो अंतर आएगा, उसका पैसा किसानों को मिलेगा। बीते वर्षों में प्याज औने-पौने दामों पर बिकती रही।
फसल कम होने की स्थिति में ग्राहकों को महंगा प्याज खरीदना पड़ता है। लेकिन प्रदेश सरकार ने इस बार लहसुन के साथ प्याज को भी भावांतर भुगतान योजना में शामिल किया है। प्याज की बिक्री यदि निर्धारित मूल्य से कम भाव पर होती है तो दो अलग-अलग मंडियों का मॉडल रेट निकालकर उस अंतर का पैसा किसानों को मिलेगा। इसका एक फायदा यह भी होगा कि बिचौलियों को मनमानी करने का मौका नहीं मिलेगा।
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