यह बात शुक्रवार को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधा मोहन सिंह ने नवीबाग स्थित केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के कृषि उपकरणों का जायजा लेने के दौरान संस्थान के वैज्ञानिकों और राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों को कही।
उन्होंने संस्थान के वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि पारिवारिक भाव व दक्षता से किसानों के लिए काम करने पर किसानों की आय बढ़ेगी। संस्थान को परिवार समझकर किसानों के लिए काम करेंगे तो आमदनी बढ़ाई जा सकेगी। उन्होंने कहा कि देश में कृषि की नई-नई तकनीक का प्रादूभार्व तो हुआ लेकिन किसानों को इसका लाभ नहीं मिला।
९८० से २००३ तक किसानों तक तकनीक नहीं पहुंची। जब से हमारी सरकार बनीं तक से तीन चार साल में नई-नई तकनीक किसानों तक पहुंची और अब कोई कृषि मंत्री को जाने या न जाने, लेकिन लोग किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं को जरुर जानते हैं। उन्होंने कहा कि अब किसानों में जागरुकता आई है, वे अनुदान के लिए नहीं, बल्कि नई तकनीक का लाभ लेने के लिए आगे आ रहे हैं।
भूट्टे से मक्का निकालने की मशीन ६० रुपए की क्यों, इसे और सस्ता बनाएं
भूट्ट से मक्का निकालने का यंत्र ६० रुपए में क्यों, यह तो और भी सस्ता होना चाहिए। यह सामान्य किसान की पहुंच से दूर है। पांच एकड़ से अधिक जमीन वाले किसान को इसकी जरुरत नहीं है, लेकिन कम जमीन वाले किसान के लिए तो यह भी महंगा है। कृषि की तकनीक सस्ती होगी, तब ही किसानों की आय बढ़ेगी।
भूट्ट से मक्का निकालने का यंत्र ६० रुपए में क्यों, यह तो और भी सस्ता होना चाहिए। यह सामान्य किसान की पहुंच से दूर है। पांच एकड़ से अधिक जमीन वाले किसान को इसकी जरुरत नहीं है, लेकिन कम जमीन वाले किसान के लिए तो यह भी महंगा है। कृषि की तकनीक सस्ती होगी, तब ही किसानों की आय बढ़ेगी।
कांग्रेस मित्र का हवाला भी दिया
राधा मोहन सिंह ने वैज्ञानिकों को एक किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि जब मैं मंत्री बना उसके २-३ महीने बाद ही मेरे एक कांग्रेस सांसद मित्र ने मुझसे पूछा कि कई सिंचाई परियोजनाएं जो १० साल २५ साल पहले लंबित पड़ी हुई है, वे कब तक पूरी होगी? इस पर मैंने उन्हें कहा कि ४८ साल तक राज करने के बाद भी वे सिंचाई परियोजनाएं पूरी नहीं कर पाए और मेरे मंत्री बनने के तीन महीने बाद ही सिंचाई परियोजनाएं के सवाल पूछने लग गए। उन्होंने कहा कि ये लंबित परियोजनाएं हमने पूरी कर दी और कुछ पूरी होने वाली है।
राधा मोहन सिंह ने वैज्ञानिकों को एक किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि जब मैं मंत्री बना उसके २-३ महीने बाद ही मेरे एक कांग्रेस सांसद मित्र ने मुझसे पूछा कि कई सिंचाई परियोजनाएं जो १० साल २५ साल पहले लंबित पड़ी हुई है, वे कब तक पूरी होगी? इस पर मैंने उन्हें कहा कि ४८ साल तक राज करने के बाद भी वे सिंचाई परियोजनाएं पूरी नहीं कर पाए और मेरे मंत्री बनने के तीन महीने बाद ही सिंचाई परियोजनाएं के सवाल पूछने लग गए। उन्होंने कहा कि ये लंबित परियोजनाएं हमने पूरी कर दी और कुछ पूरी होने वाली है।
वैज्ञानिक गांव गोद ले रहे हैं
राधा मोहन ने कहा कि यह तरक्की की बात है कि अब कृषि वैज्ञानिक भी गांव गोद ले रहे हैं। अब तक करीब १५ हजार गांव गौद लिए गए है। अब हम इसका दायरा बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि समाज मजबूत नहीं है इसलिए भविष्य मुशिकल है। किसानों को मजबूत करने के भाव से हमें काम करना होगा। पहले न इ-मार्केट था न जैविक खेती। इन पर यदि १० साल पहले काम किया गया होता तो परिस्थितियां अलग होती।
राधा मोहन ने कहा कि यह तरक्की की बात है कि अब कृषि वैज्ञानिक भी गांव गोद ले रहे हैं। अब तक करीब १५ हजार गांव गौद लिए गए है। अब हम इसका दायरा बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि समाज मजबूत नहीं है इसलिए भविष्य मुशिकल है। किसानों को मजबूत करने के भाव से हमें काम करना होगा। पहले न इ-मार्केट था न जैविक खेती। इन पर यदि १० साल पहले काम किया गया होता तो परिस्थितियां अलग होती।