बताया जाता है कि पहले चरण में ये सेंटर ब्लाक स्तर पर खोले जाएंगे। इसके बाद धीरे धीरे इसे प्राथमिक साख सहकारी समितियों तक ले जाया जाएगा। सेंटर चालू करने के लिए कृषि विभाग किसानों से आवेदन बुलाएगा, आवेदन पर पहले आओ और पहले पाओ के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी। गौरतलब है कि किसान अभी समर्थन मूल्य पर गेहूं, धान, चना, मसूर सहित अन्य फसले बेचने के लिए खरीदी केन्द्रों पर उसे ले जाते हैं। जहां फसलों की ग्रेडिंग की जाती है, ग्रेडिंग के बाद कई बोरे अनाज को अमान्य कर दिया जाता है।
इस सुविधा से किसान खुद अपने फसल की ग्रेडिंग कर गुणवत्ता विहीन अनाज को खरीदी केन्द्रों पर बेचने के लिए नहीं ले जाएंगे। किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल का कहना है कि इससे अपने फसल की ग्रेडिंग कर खुले बाजार में समर्थन मूल्य से कापी ज्यादा कीमत पर अनाज बेच सकेंगे। उन्हें समर्थन मूल्य पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा। इसके साथ ही उन्हें दाल, चावल मिलिंग की सुविधा घर, खेत और खलिहान में मिल सकेगी।