भोपाल

किसानों को घरों पर मिलेगी कस्टम प्रोसिसिंग की सुविधा

– किसान खुद चलाएंगे प्रोसिसिंग सेंटर, 50 फीसदी तक अनुदान देगी सरकार
– ग्रेडिंग कराने की राशि कृषि विभाग खुद तय करेगा

भोपालAug 08, 2021 / 11:40 pm

Ashok gautam

भोपाल। किसानों को अब घर पर चावल, दाल मिलिंग, ग्रेडिंग सहित अन्य कस्टम प्रोसेसिंग की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए किसानों को किराया-भाड़ा लगाकर अनाज को बाजारों में नहीं ले जाना पड़ेगा। कृषि विभाग ने हाल ही में कस्टम प्रोसेसिंग योजना लांच की है। कस्टम प्रोसेसिंग सेंटर खोलने का काम किसानों को ही दिया जाएगा। इसके लिए उन्हें कृषि विभाग के जरिए 50 फीसदी तक अनुदान भी दिया जाएगा।
कस्टम प्रोसेसिंग सेंटर के जरिए किसान अपने अनाजों की ग्रेडिंग भी करा सकेंगे। ग्रेडिंग कराने की राशि कृषि विभाग खुद तय करेगा। निर्धारित राशि से अधिक वसूलने वाले केन्द्रों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कस्टम प्रोसिसिंग केन्द्रों से किसान अपने फसलों का ग्रेडिंग कर उसे अलग-अलग कीमतों पर बेच सकेंगे। इसके अलावा उन्हें इसकी ग्रेडिंग, मिलिंग, प्रोसेसिंग के लिए गांव से बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
बताया जाता है कि पहले चरण में ये सेंटर ब्लाक स्तर पर खोले जाएंगे। इसके बाद धीरे धीरे इसे प्राथमिक साख सहकारी समितियों तक ले जाया जाएगा। सेंटर चालू करने के लिए कृषि विभाग किसानों से आवेदन बुलाएगा, आवेदन पर पहले आओ और पहले पाओ के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी। गौरतलब है कि किसान अभी समर्थन मूल्य पर गेहूं, धान, चना, मसूर सहित अन्य फसले बेचने के लिए खरीदी केन्द्रों पर उसे ले जाते हैं। जहां फसलों की ग्रेडिंग की जाती है, ग्रेडिंग के बाद कई बोरे अनाज को अमान्य कर दिया जाता है।
इस सुविधा से किसान खुद अपने फसल की ग्रेडिंग कर गुणवत्ता विहीन अनाज को खरीदी केन्द्रों पर बेचने के लिए नहीं ले जाएंगे। किसान कल्याण तथा कृषि विकास मंत्री कमल पटेल का कहना है कि इससे अपने फसल की ग्रेडिंग कर खुले बाजार में समर्थन मूल्य से कापी ज्यादा कीमत पर अनाज बेच सकेंगे। उन्हें समर्थन मूल्य पर आश्रित नहीं रहना पड़ेगा। इसके साथ ही उन्हें दाल, चावल मिलिंग की सुविधा घर, खेत और खलिहान में मिल सकेगी।

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