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भोपाल

भयमुक्त वातावरण जरूरी: सत्यार्थी

– मुख्यमंत्री का संवाद : राज्यस्तरीय सलाहकार समिति से लिए सुझाव

भोपालApr 23, 2020 / 11:41 pm

anil chaudhary

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भोपाल. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को कोरोना की रोकथाम के लिए गठित राज्यस्तरीय सलाहकार समिति से वीडियो कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, डॉक्टर सहित अन्य समाजसेवियों ने सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि टेस्ट और होम ऑइसोलेशन बढ़ाना चाहिए। टेस्ट के साथ आर्थिक सहायता जोड़ी जाए। वहीं, लॉकडाउन के बाद कम वेतन वालों को सरकार सहायता दें।
सीएम ने समाजसेवियों को उनके सुझाव पर अमल करने का आश्वासन दिया। संवाद में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद थे।सत्यार्थी ने अथर्ववेद के मंत्र का उच्चारण कर अपनी बात कही। उन्होंने कहा कि आज की स्थिति में परमात्मा से प्रार्थना की जा रही है कि सभी लोगों को ज्ञात और अज्ञात भय से मुक्ति मिले।

– किसने क्या कहा
कैलाश सत्यार्थी, नोबल पुरस्कार विजेता: प्रदेश में स्वैच्छिक संगठनों के माध्यम से जन-जागरुकता अभियान चलाना होगा। इससे कोरोना वायरस की समस्या के सामाजिक दुष्प्रभावों को रोकने में भी आसानी होगी। इन दिनों प्रचलन में आ रही चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर अंकुश लगाने के लिए भी सख्त कदम उठाने होंगे। लॉकडाउन के बाद 7जी राष्ट्र के राजदूत और यूरोपियन कमेटी की एक बैठक भोपाल में होती है, तो वे अपने संपर्कों से इसमें सहयोग करते हुए स्वयं भी शामिल होंगे।

निर्मला बुच, पूर्व सीएस : दीर्घ अवधि की योजना बनाकर आमजन को रोग नियंत्रण कार्य से जोडऩा होगा। निर्धन वर्ग के लोगों को रोग परीक्षण करवाने की भी समझाइश देना आवश्यक है। यथासंभव टेस्ट के लिए उन्हें व्यक्तिगत स्तर पर आर्थिक सहयोग भी देना चाहिए।

सरबजीत सिंह, पूर्व आईपीएस : लॉकडाउन खत्म होने के बाद श्रमिकों के आने-जाने के कार्य में एक व्यवस्था लागू करनी होगी। इसके साथ ही इन स्थितियों का अपराधिक तत्व फायदा न उठाए, इसके प्रति सजग रहकर उन्हें नियंत्रित करने की भी कार्रवाई करनी होगी।

 

रामेंद्र सिंह, समाजसेवी : बैगा, सहरिया और भारिया जनजाति के लोगों को प्राप्त राशि से उन्हें दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ा। अन्य स्थानों से आकर मजदूरी करने वाले लोगों को अन्य क्षेत्रों में भेजे जाने की व्यवस्था आवश्यक होगी। लॉकडाउन के बाद कम वेतन वाले लोगों को प्राथमिकता से सहायता देनी होगी।

नवल किशोर शुक्ला, पदाधिकारी सेवाभारती: ऑइसोलेशन सेंटर्स पर निरंतर ध्यान देने की आवश्यकता है। इन सेंटर्स पर मानसिक स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध कराए जा सकते हैं। कारपेंटर और प्लम्बर की सेवाओं को प्राप्त करने के लिए उन्हें सामग्री की आपूर्ति करना आवश्यक है।

डॉ. जितेंद्र जामदार : निजी अस्पतालों में ट्रेनिंग और ट्रेनर का मॉडल उपलब्ध होना चाहिए। जन अभियान परिषद की भूमिका और सक्रिय बनाएं।

डॉ. दीपक शाह : मास्क और अन्य ऐसी सामग्री जो वायरस के संक्रमण के इस दौर में कचरे में फेंकी जाती है, उनके उचित निष्पादन की व्यवस्था बने।

डॉ. राजेश सेठी : बंद हुए निजी अस्पतालों को सैनेटाइज कर फिर शुरू करना चाहिए।

डॉ. मकुल तिवारी : इमरजेंसी पेशेंट की कोरोना टेस्टिंग की अनिवार्यता खत्म होना चाहिए।

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