भोपाल संभाग को छोड़कर प्रदेश के सभी संभागों में टेक होम राशन वितरण की यह नई व्यवस्था शुरु हो जाएगी। इसके लिए प्रदेश के रीवा, सागर, मंडल, देवास, धार होशंगाबाद शिवपुरी सहित सात जिलों में पोषण आहर बनाने के लिए कारखाना लगाया जा रहा है। इनको चलाने के लिए जिला स्तरीय फेडरेशन गठित किया जाएगा। संकुल और जिला स्तरीय फेडरेशन किस तरह से काम करेगा, इसके लिए वाइलाज सहकारिता विभाग द्वारा तैयार किया जा रहा है। दोनों ही फेडरेशन का रजिस्ट्रेशन सहकारिता विभाग में किया जाएगा।
महिलाएं चलाएंगी कारखाना
पोषण आहर बनाने वाले कारखानों का संचालन महिलाओं द्वारा किया जाएगा। महिला अजीविका औद्योगिक सहकारी संस्था मर्यादित के नाम से संस्थाओं का गठन किया जाएगा। इसके सदस्य, संकुल स्तर पर महिला अजीविका मिशन संस्थाएं होंगी। अध्यक्ष का चयन चुनाव के माध्यम से होगा। रीवा और सागर सहित दूसरे संभागों में यह संस्थाएं रहेगी, जो पोषण आहर व टीएचआर वितरण का काम करेंगी।
पोषण आहर बनाने वाले कारखानों का संचालन महिलाओं द्वारा किया जाएगा। महिला अजीविका औद्योगिक सहकारी संस्था मर्यादित के नाम से संस्थाओं का गठन किया जाएगा। इसके सदस्य, संकुल स्तर पर महिला अजीविका मिशन संस्थाएं होंगी। अध्यक्ष का चयन चुनाव के माध्यम से होगा। रीवा और सागर सहित दूसरे संभागों में यह संस्थाएं रहेगी, जो पोषण आहर व टीएचआर वितरण का काम करेंगी।
संस्थाओं का होगा अडिट
इन संस्थाओं का सहिकारिता विभाग द्वारा आडिट कराया जाएगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के दिशा-निर्देशन में काम करेंगी। पंचायत विभाग द्वारा इन संस्थाओं को अनुदान दिया जाएगा और संयंत्र भी इन्हीं संस्थाओं के हाथों में सौंपा जाएगा। इन संस्थान में किसी तरह की अनियमिताएं पाई जाने पर इनमें प्रशासक नियुक्त करने की व्यवस्था की गई है।
इन संस्थाओं का सहिकारिता विभाग द्वारा आडिट कराया जाएगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के दिशा-निर्देशन में काम करेंगी। पंचायत विभाग द्वारा इन संस्थाओं को अनुदान दिया जाएगा और संयंत्र भी इन्हीं संस्थाओं के हाथों में सौंपा जाएगा। इन संस्थान में किसी तरह की अनियमिताएं पाई जाने पर इनमें प्रशासक नियुक्त करने की व्यवस्था की गई है।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सभी मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को ब्लाक स्तर पर फेडरेशन बनाने के निर्देश दिए हैं।
भोपाल संभाग को छोड़कर प्रदेश के सभी संभागों में टेक होम राशन वितरण की यह नई व्यवस्था शुरु हो जाएगी। इसके लिए प्रदेश के रीवा, सागर, मंडल, देवास, धार होशंगाबाद शिवपुरी सहित सात जिलों में पोषण आहर बनाने के लिए कारखाना लगाया जा रहा है। इनको चलाने के लिए जिला स्तरीय फेडरेशन गठित किया जाएगा। संकुल और जिला स्तरीय फेडरेशन किस तरह से काम करेगा, इसके लिए वाइलाज सहकारिता विभाग द्वारा तैयार किया जा रहा है। दोनों ही फेडरेशन का रजिस्ट्रेशन सहकारिता विभाग में किया जाएगा।
भोपाल संभाग को छोड़कर प्रदेश के सभी संभागों में टेक होम राशन वितरण की यह नई व्यवस्था शुरु हो जाएगी। इसके लिए प्रदेश के रीवा, सागर, मंडल, देवास, धार होशंगाबाद शिवपुरी सहित सात जिलों में पोषण आहर बनाने के लिए कारखाना लगाया जा रहा है। इनको चलाने के लिए जिला स्तरीय फेडरेशन गठित किया जाएगा। संकुल और जिला स्तरीय फेडरेशन किस तरह से काम करेगा, इसके लिए वाइलाज सहकारिता विभाग द्वारा तैयार किया जा रहा है। दोनों ही फेडरेशन का रजिस्ट्रेशन सहकारिता विभाग में किया जाएगा।
महिलाएं चलाएंगी कारखाना
पोषण आहर बनाने वाले कारखानों का संचालन महिलाओं द्वारा किया जाएगा। महिला अजीविका औद्योगिक सहकारी संस्था मर्यादित के नाम से संस्थाओं का गठन किया जाएगा। इसके सदस्य, संकुल स्तर पर महिला अजीविका मिशन संस्थाएं होंगी। अध्यक्ष का चयन चुनाव के माध्यम से होगा। रीवा और सागर सहित दूसरे संभागों में यह संस्थाएं रहेगी, जो पोषण आहर व टीएचआर वितरण का काम करेंगी।
पोषण आहर बनाने वाले कारखानों का संचालन महिलाओं द्वारा किया जाएगा। महिला अजीविका औद्योगिक सहकारी संस्था मर्यादित के नाम से संस्थाओं का गठन किया जाएगा। इसके सदस्य, संकुल स्तर पर महिला अजीविका मिशन संस्थाएं होंगी। अध्यक्ष का चयन चुनाव के माध्यम से होगा। रीवा और सागर सहित दूसरे संभागों में यह संस्थाएं रहेगी, जो पोषण आहर व टीएचआर वितरण का काम करेंगी।
संस्थाओं का होगा अडिट
इन संस्थाओं का सहिकारिता विभाग द्वारा आडिट कराया जाएगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के दिशा-निर्देशन में काम करेंगी। पंचायत विभाग द्वारा इन संस्थाओं को अनुदान दिया जाएगा और संयंत्र भी इन्हीं संस्थाओं के हाथों में सौंपा जाएगा। इन संस्थान में किसी तरह की अनियमिताएं पाई जाने पर इनमें प्रशासक नियुक्त करने की व्यवस्था की गई है।
इन संस्थाओं का सहिकारिता विभाग द्वारा आडिट कराया जाएगा। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के दिशा-निर्देशन में काम करेंगी। पंचायत विभाग द्वारा इन संस्थाओं को अनुदान दिया जाएगा और संयंत्र भी इन्हीं संस्थाओं के हाथों में सौंपा जाएगा। इन संस्थान में किसी तरह की अनियमिताएं पाई जाने पर इनमें प्रशासक नियुक्त करने की व्यवस्था की गई है।