विनियामक समिति ने इससे पहले 2018-19 में कॉलेजों की फीस तय की थी, उस समय 6 मेडिकल कॉलेजों की फीस में 2 से 4 लाख तक का इजाफा किया गया था। बता दें कि मप्र में एडमिशन एंड फीस रेगुलेटरी कमेटी (एएफआरसी) निजी कॉलेजों की फीस का निर्धारण करती है। जबकि सरकारी मेडिकल कॉलेजों में फीस बढ़ाने का अधिकार चिकित्सा शिक्षा विभाग के पास होता है। एएफआरसी की अनुमति के बाद ही निजी कॉलेज शैक्षणिक शुल्क बढ़ा सकते हैं।
इस तरह तय की जाती है फीस
एएफआरसी निजी कॉलेजों की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर फीस निर्धारण का फैसला करती है। प्रत्येक कॉलेज को यह जानकारी देना होती हैं कि एक साल में कितनी आय हुई और मरीजों व छात्रों पर कितनी राशि खर्च की गई। आय-व्यय के अनुपात को देखकर यह तय किया जाता है कि कॉलेज फीस बढ़ा सकता हैं या नहीं।
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कॉलेज 2018-2019 में तय की गई फीस
श्री अरबिंदो मेडिकल इंस्टीट्यूट इंदौर-9.53 लाख
इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, इंदौर- 11. 15 लाख
पीपुल्स मेडिकल कॉलेज भोपाल-11. 24 लाख
आर.डी. गार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन-8.58 लाख
चिरायु मेडिकल कॉलेज, भोपाल-11. 66 लाख
एलएन मेडिकल कॉलेज, भोपाल-11. 55 लाख
नोट- फीस के आंकड़े प्रति वर्ष में
एएफआरसी निजी कॉलेजों की ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर फीस निर्धारण का फैसला करती है। प्रत्येक कॉलेज को यह जानकारी देना होती हैं कि एक साल में कितनी आय हुई और मरीजों व छात्रों पर कितनी राशि खर्च की गई। आय-व्यय के अनुपात को देखकर यह तय किया जाता है कि कॉलेज फीस बढ़ा सकता हैं या नहीं।
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कॉलेज 2018-2019 में तय की गई फीस
श्री अरबिंदो मेडिकल इंस्टीट्यूट इंदौर-9.53 लाख
इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, इंदौर- 11. 15 लाख
पीपुल्स मेडिकल कॉलेज भोपाल-11. 24 लाख
आर.डी. गार्डी मेडिकल कॉलेज उज्जैन-8.58 लाख
चिरायु मेडिकल कॉलेज, भोपाल-11. 66 लाख
एलएन मेडिकल कॉलेज, भोपाल-11. 55 लाख
नोट- फीस के आंकड़े प्रति वर्ष में
—————————- इस साल किसी भी मेडिकल कॉलेज की फीस नहीं बढ़ाई गई है, हालांकि लगभग सभी कॉलेजों ने फीस बढ़ाने के लिए आवेदन किया था। – डॉ. रवींद्र कान्हेरे, चेयरमैन, प्रवेश एवं शुल्क विनियामक समिति मप्र