इस मुद्दे पर हाल ही में पदस्थ हुए आयोग के अध्यक्ष प्रोफ़ेसर भरत चरण सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की। जिसके बाद आयोग ने पुराने प्रस्ताव पर रिव्यू करने से इंकार कर दिया। प्रदेश के 30 निजी विश्वविद्यालयों ने कई कोर्सस की फीस बढ़ाने के संबंध में पत्र लिखा था। जिस पर विचार किया जाना था, मगर कोरोना के चलते कई प्रचलित कोर्सस की फीस नहीं बढ़ाई जाएगी।
तीन सदस्यीय कमेटी का गठन
आयोग ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी निजी विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों के साथ होने वाली मारपीट, दुर्व्यवहार समेत अन्य शिकायत की जांच करेगी। कमेटी का संयोजक एमवीएम के प्रोफेसर संजय दीक्षित को बनाया गया है। जबकि मैनिट के प्रोफेसर मनोज आर्य और रिटायर्ड पुलिस अधिकारी गुलाब सिंह राजपूत भी इस आयोग के सदस्य रहेंगे।
आयोग ने तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। यह कमेटी निजी विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों के साथ होने वाली मारपीट, दुर्व्यवहार समेत अन्य शिकायत की जांच करेगी। कमेटी का संयोजक एमवीएम के प्रोफेसर संजय दीक्षित को बनाया गया है। जबकि मैनिट के प्रोफेसर मनोज आर्य और रिटायर्ड पुलिस अधिकारी गुलाब सिंह राजपूत भी इस आयोग के सदस्य रहेंगे।
प्रोफेसर शरण सिंह, अध्यक्ष निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग का कहना है कि कोरोना काल में छात्रों को फीस भरने में आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़े इसलिए फीस संबंधी विषयों को लेकर रिव्यू किया जा रहा है। छात्रों के हित में फैसला लिया जाएगा।