यात्रा की अगुवाई कर रहे अतिथि विद्वान नियमितीकरण मोर्चा के संयोजक डॉ. देवराज सिंह और डॉ सुरजीत भदौरिया ने कहा है कि करीब 4 हजार अतिथि विद्वान यात्रा करते हुए शाहजहानी पार्क पहुंचे हैं। हम तब तक भोपाल नही छोड़ेंगे जब तक हमारी नियमितीकरण की मांग नही मान ली जाती है। हमें सरकार ने अब तक केवल आश्वासन ही दिए गए हैं, इस बार हमें ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।
अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के प्रांतीय प्रवक्ता डॉ मंसूर अली ने बताया कि अतिथि विद्वानों व उनकी समस्याओं के प्रति कमलनाथ सरकार की उदासीनता चिंताजनक है। सरकार की इस उदासीनता व अपनी नौकरी पर उत्पन्न संकट से अतिथि विद्वान आक्रोशित हैं। कमलनाथ सरकार की अतिथि विद्वानों की सेवा से बाहर करने की नीति के विरोधस्वरूप शाहजहानी पार्क भोपाल में कई महिला अतिथि विद्वान अपने केश त्याग करके विरोध प्रदर्शित करेंगी।
शाहजहानी पार्क में अंतिम अंतिम लड़ाई का आह्वान
अतिथि विद्वान भविष्य सुरक्षा यात्रा के माध्यम से सरकार और आमजन तक अपनी नियमितीकरण और वचन को पूरा करने की गुहार लगा रहे हैं। रैली में साथ चल रहे संयोजक डॉ. सुरजीत भदौरिया का कहना है कि हम सरकार से केवल वचनपत्र की कंडिका 17.22 अनुसार वचन पूरा करने की गुहार लगा रहे हैं। और इसके लिए हम हर संभव प्रयास करेंगे।
उ’च शिक्षा मंत्री बोले- 11 दिसम्बर से शुरू होगी ऑनलाइन प्रक्रिया
वहीं इस मामले में उ’च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने कहा है कि मुख्यमंत्री कमल नाथ के निर्देशानुसार अतिथि विद्वानों को अन्य रिक्त पदों पर पुन: कार्य का अवसर प्रदान करने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया 11 दिसम्बर से शुरू की जा रही है।
मप्र लोक सेवा आयोग से चयनित अभ्यर्थियों को सहायक प्राध्यापक, क्रीड़ा अधिकारी और ग्रंथपाल के पदों पर नियुक्त करने की कार्रवाई जारी है। इस प्रक्रिया के कारण इन पदों पर पूर्व से कार्यरत अतिथि विद्वान विस्थापित (फॉल आउट) हो रहे हैं। इस प्रक्रिया में विस्थापित अतिथि विद्वान अपनी ‘वाइस फिलिंग 16 दिसम्बर से दर्ज कर सकेंगे। इसके बाद नियमानुसार महाविद्यालय के आवंटन की प्रक्रिया होगी।