बड़ा उदाहरण सागर जिले का है। सागर में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए बड़े स्तर पर लॉबिंग शुरू हो गई है। अध्यक्ष पद की दौड़ में सबसे आगे राजस्व व परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के बड़े भाई हीरा सिंह राजपूत हैं, जो वार्ड नंबर-4 से निर्विरोध चुने गए हैं। मंत्री राजपूत भाई के लिए समीकरण बैठाने में जुटे हैं। सूत्रों की मानें तो सागर जिला पंचायत के आधे से ज्यादा सदस्य एक होटल में नजरबंद हैं। उन्हें वहीं सभी सुविधाएं मुहैया कराई जा रहीं हैं।
ग्वालियर में अजीब खेल चल रहा है। सूत्रों के अनुसार, यहां जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर अपने समर्थक को जिताने के लिए कई तरह के प्रलोभन दिए जा रहे हैं। चर्चा है कि पूर्व मंत्री का धड़ा एक प्लॉट, एक बोलेरो और कुछ अन्य सुविधाएं देने का दम भर रहा है।
छिंदवाड़ा की स्थिति
छिंदवाड़ा में जिला पंचायत में 26 सीटों में कांग्रेस के 12, भाजपा के 11, गोंडवाना का 1 और 2 निर्दलीय सदस्य जीते हैं। कांग्रेस ने गोंडवाना और निर्दलीयों को साथ लेकर अपना अध्यक्ष बनाने की तैयारी की है।
यह है कार्यक्रम
राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर जिला निर्वाचन अधिकारी की निगरानी में 24 जुलाई को उप सरपंच, 27 को जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, 29 जुलाई को जिला पंचायत अध्यक्ष-उपाध्यक्ष का निर्वाचन होगा। इसमें जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए कलेक्टर पीठासीन अधिकारी होंगे, जनपद अध्यक्ष-उपाध्यक्ष और उप सरपंचों के लिए पीठासीन अधिकारियों की जिम्मेदारी जिला निर्वाचन अधिकारी की ओर से जाएगी।
दुकान की रजिस्ट्री या अड़ंगा दूर करने का प्रलोभन
धार: जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर उद्योग मंत्री राजवर्द्धनसिंह दत्तीगांव व कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार का गुट हावी है। कुल 28 वार्ड हैं। इनमें दोनों के पास 14-14 समर्थित जिला पंचायत सदस्य हैं। ऐसे में दोनों पार्टियों ने अपने सदस्यों को बाहर भेज दिया है। भाजपा-कांग्रेस के पास पहले 13-13 सदस्य थे। दो निर्दलीय जीते थे। इसमें एक-एक दोनों भाजपा-कांग्रेस में चले गए हैं।
ग्वालियर: एक मंत्री और उनके समर्थक इस प्रयास में हैं कि जिला पंचायत उपाध्यक्ष पद देकर अपने लिए समर्थन हासिल किया जाए। इसके साथ ही गोपनीय तरीके से शहर में दुकान की रजिस्ट्री या फिर किसी बड़ी जमीन में लगे सरकारी अड़ंगों को दूर करवाने सहित कुछ दूसरी सुविधाएं समर्थन देने वाले जिला पंचायत सदस्यों को देने का वादा किया जा रहा है।
छतरपुर: जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का गुट लॉबिंग कर रहा है। भाजपा जिलाध्यक्ष मलखान सिंह, जिला महामंत्री अरविंद पटैरिया और पूर्व मंत्री ललिता यादव चुनाव जीतकर आए सदस्यों को लेकर भोपाल पहुंचे। जहां सदस्यों की प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात कराई गई। उसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी सदस्यों को मिलवाया गया।
सदस्यों को मथुरा भेजा
दमोह: जिला पंचायत के साथ 7 जनपदों में अध्यक्ष पद के लिए भाजपा की ओर से लॉबिंग केंद्रीय राज्यमंत्री प्रहलाद सिंह पटेल कर रहे हैं। कांग्रेस में जिम्मेदारी विधायक अजय टंडन संभाले हुए हैं। दमोह जिले में जनपदों का सम्मिलन 26 जुलाई से शुरू हो रहा है। चुनाव जीतने के बाद अध्यक्ष अैर उपाध्यक्ष पद के दावेदार अपने-अपने सदस्यों को लेकर तीर्थ यात्रा पर निकल गए हैं, कोई मथुरा वृंदावन की सैर करा रहा है तो कोई प्रयागराज में डुबकी लगवा रहा है।
नेताओं की पसंद को महत्व
हरदा: जनपद में कांग्रेस समर्थित 8 सदस्य जीते हैं। 3-4 अन्य कांग्रेस के संपर्क में हैं। जनपद में 25 वार्ड हैं। अध्यक्ष व बहुमत के लिए 13 सदस्य चाहिए। कांग्रेस इस आंकडे़ के करीब है। यही वजह है कि इन सदस्यों में से कोई भाजपा के प्रलोभन या दबाव में न आए, इसलिए 11 सदस्यों को बाहर भेजा है। कुछ सदस्यों को शिर्डी भेजा है। कुछ को राजस्थान भेजा गया है।
मंदसौर: पांच जनपद पंचायतों में नवनिर्वाचित जनपद सदस्यों की बाडेबंदी शुरू हो गई है। बताया जाता है कि मंत्री जगदीश देवड़ा के क्षेत्र की मल्हारगढ़ जनपद पंचायत से लेकर गरोठ तक सदस्यों की बाडे़बंदी कर दी गई है। मल्हारगढ़ में देवड़ा तो मंदसौर में विधायक यशपाल सिंह सक्रिय हैं। सीतामऊ जनपद में मंत्री हरदीप सिंह डंग व गरोठ में विधायक देवीलाल धाकड़ की पसंद को महत्त्व दिया जाएगा।
रतलाम: जिपं अध्यक्ष के चुनाव से पहले भाजपा और जयस निर्वाचित सदस्यों को बाहर अज्ञात स्थल पर ले गई है। भाजपा से जीते 7 व 2 बागी होकर लड़े सदस्यों को एक नेता के साथ तीर्थ दर्शन करने उत्तराखंड भेजा है। जयस के 4 सदस्यों को संगठन के प्रभारी डॉ. अभय ओहरी अज्ञात स्थल पर स्वयं छोड़कर आए हैं। कांग्रेस समर्थित 3 सदस्य जीतकर आए है, वे कहीं नहीं गए हैं।