टेम्पल ज्वेलरी बनी सेंटर ऑफ अट्रेक्शन
दीपोत्सव में आई टेम्पल ज्वेलरी महिलाओं को खासी पसंद आ रही है। दीपावली और वेडिंग सीजन को देखते हुए इस ज्वेलरी को काफी पसंद किया जा रहा है। रतलाम से आए ज्वेलरी डिजाइनर राजेश सोनी बताते हैं कि टेम्पल ज्वेलरी में दक्षिण भारत का टच नजर आता है। इसमें लक्ष्मी, गणेश, सरस्वती, शिवजी की आकृतियां बनाई जाती हैं। ये ज्वेलरी 2 प्रकार की मीनाकारी और प्लेटेड, बेल्जियम होती है। जिनकी कीमत एक से पांच हजार रुपए तक है।
दीपोत्सव में आई टेम्पल ज्वेलरी महिलाओं को खासी पसंद आ रही है। दीपावली और वेडिंग सीजन को देखते हुए इस ज्वेलरी को काफी पसंद किया जा रहा है। रतलाम से आए ज्वेलरी डिजाइनर राजेश सोनी बताते हैं कि टेम्पल ज्वेलरी में दक्षिण भारत का टच नजर आता है। इसमें लक्ष्मी, गणेश, सरस्वती, शिवजी की आकृतियां बनाई जाती हैं। ये ज्वेलरी 2 प्रकार की मीनाकारी और प्लेटेड, बेल्जियम होती है। जिनकी कीमत एक से पांच हजार रुपए तक है।
कछुआ लुक में मैजिकल दीया
मेले में छतरपुर से दीयों की काफी वैरायटी आई है। शिल्पा शर्मा और पूजा जैन बताती हैं इन दीयों में सबसे खास कछुआ दीया है, जिसे मैजिकल दीया भी कहते हैं। इस दीये का लुक जितना इंट्रेस्टिंग है उतना ही इंट्रेस्टिंग इसका काम करने का तरीका भी है। दीये में नीचे से तेल डाला जाता है और कछुए के मुंह में बाती लगाई जाती है। उल्टा सिस्टम होने के कारण ही इसे मैजिकल दीया भी कहते हैं। मेले में इस दीये की डिमांड है। इसके अतिरिक्त मटकी दीया और स्टैंड वाला दीया भी आकर्षित कर रहा है। स्टैंड वाले दीये में तेल डालकर दिवार पर हैंग करने के बावजूद भी दीवार खराब नहीं होती। इन दीयों को बहुत पसंद किया जा रहा है।
मेले में छतरपुर से दीयों की काफी वैरायटी आई है। शिल्पा शर्मा और पूजा जैन बताती हैं इन दीयों में सबसे खास कछुआ दीया है, जिसे मैजिकल दीया भी कहते हैं। इस दीये का लुक जितना इंट्रेस्टिंग है उतना ही इंट्रेस्टिंग इसका काम करने का तरीका भी है। दीये में नीचे से तेल डाला जाता है और कछुए के मुंह में बाती लगाई जाती है। उल्टा सिस्टम होने के कारण ही इसे मैजिकल दीया भी कहते हैं। मेले में इस दीये की डिमांड है। इसके अतिरिक्त मटकी दीया और स्टैंड वाला दीया भी आकर्षित कर रहा है। स्टैंड वाले दीये में तेल डालकर दिवार पर हैंग करने के बावजूद भी दीवार खराब नहीं होती। इन दीयों को बहुत पसंद किया जा रहा है।