40 घोड़े खरीदने के बजाए घोड़े की कीमत पर खच्चर खरीदे गए।
भोपाल की दो कंपनियों से 20 से 30 गुना अधिक दाम पर खेल सामग्री खरीदी गई।
खेल मैदानों के लिए फ्लड लाइट खरीदे गुमनाम कंपनियों के नाम भुगतान कर दिया।
कम्प्यूटर खरीदी में 40 लाख से अधिक की आर्थिक अनियमितता का आरोप।
37वीं राष्ट्रीय जूनियर हॉकी प्रतियोगिता के आयोजन में लाखों के फर्जी बिल का भुगतान।
एक कंपनी से 30 लाख के पलंग एक करोड़ रुपए में खरीदकर शासन को आर्थिक हानि पहुंचाई।
आठ हजार कीमत की लकड़ी की एक अलमारी को 51503 रुपए की दर से खरीदी।
नेहरू हॉकी अकादमी द्वारा आयोजित कार्यक्रमों का नियम विरुद्ध तीन करोड़ का भुगतान।
हॉकी की ट्रेनिंग में नाम पर किराए के वाहनों के फर्जी बिल लगाकर करोड़ों का घोटाला।
फर्जी बिल के जरिए खेल सामग्री खरीदी के नाम पर सात करोड़ का भुगतान।
नियम विरुद्ध आरती राय, बिट्टू शर्मा, रवि कोहिली की नियुक्ति का आरोप लगा है।
जांच कमेटी की बैठक में तय किया गया है कि जिनके पास से फाइलें गायब हुई हैं, उनकी जवाबदेही तय हो। इसके बाद उन पर कार्रवाई की जाएगी। आगे बैठक के बाद आगे की कार्रवाई तय होगी।
– एनपी प्रजापति, अध्यक्ष, विधानसभा
– डॉ. एसएल थाउसेन, संचालक, खेल विभाग