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वित्त विभाग के पास अटकी रही फाइल, अफसरों ने बांट दिया कर्ज

locationभोपालPublished: Feb 28, 2020 12:22:57 am

Submitted by:

anil chaudhary

– अब वसूली में आ सकती है दिक्कत

Kisan

किसान

भोपाल. सहकारी बैंकों के अफसरों ने सरकार के आदेश के बिना ही करोड़ों रुपए का कर्ज बांट दिया। अब जब वसूली की तिथि करीब है तो अफसरों में खलबली मची हुई है। हालांकि, सहकारिता विभाग ने वित्त विभाग के पास इस संबंध में फाइल भेजी थी, लेकिन खराब सरकारी खजाने को देखते हुए अभी तक कोई फैसला वहां से हो नहीं सका है। सहकारी बैंकों ने इस तरह 42 लाख किसानों को 10 हजार करोड़ का फसल ऋण बांट दिया। इस ऋ ण की वसूली 28 मार्च तक की जाना है। सरकार से यह आदेश नहीं मिला है कि किसानों से कितने प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण की वसूली करना है। जब तक सरकार से स्थिति स्पष्ट नहीं हो जाती तब तक बैंक प्रबंधन वसूली नहीं कर सकते। दूसरी ओर यदि किसानों से 28 मार्च तक ऋण की वसूली नहीं होती है तो वे डिफाल्टर हो जाएंगे। खरीफ और रबी की फसल के लिए जो ऋण दिया गया है, उसका ब्याज ही 750 करोड़ रुपए बन रहा है।
बैंक किसानों से बाजार दर पर भी वसूली नहीं कर सकती। क्योंकि, बैंकों ने फसल ऋण शून्य प्रतिशत की दर से दिया है। अब इस मामले में उच्चस्तर पर निर्णय होना बाकी है। जब सरकार किसानों का ब्याज भरने के लिए तैयार होगी, तब अपेक्स बैंक नाबार्ड से लिए कर्ज अदा कर पाएगा। उसी के बाद नाबार्ड अपेक्स को अगले साल के लिए किसानों को फसल ऋण देने के लिए पैसा देगा।

– गेहूं खरीदी में होती है वसूली
किसानों को फसल ऋण देने के बाद उनसे समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के दौरान इसकी वसूली की जाती है। शून्य प्रतिशत ब्याज का लाभ उन्हीं किसानों को मिलता है, जो पूरा लोन चुका देते हैं। जो किसान लोन नहीं चुकाते वे अगली बार लोन के पात्र नहीं रह जाते हैं।

– बजट में प्रावधान
सहकारिता विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शून्य प्रतिशत ब्याज का सरकार के बजट में प्रावधान है। इससे आदेश जारी करने की आवश्यकता नहीं होती है।

– सरकार पर पड़ेगा 750 करोड़ का भार
खरीफ और रबी सीजन के लिए किसानों को फसल ऋण के अनुदान की राशि करीब साढ़े सात सौ करोड़ होती है। सरकार के खाली खजाने में इस राशि की प्रतिपूर्ति करना बैंकों के लिए मुश्किल होगा। इस राशि की व्यवस्था सरकार को जून से पहले करना है। इसके बाद ही सरकार समितियों के माध्यम से किसानों को खाद-बीज बांट सकेगी।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में नीतिगत निर्णय हो चुका है कि किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज देने वाली योजना को निरंतर रखा जाए। यह बात सही है कि अब तक सहकारिता विभाग ने आदेश जारी नहीं किए हैं। हालांकि, 28 मार्च में अभी समय है।
– प्रदीप नीखरा, एमडी, अपेक्स बैंक

 

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