भोपाल

अपना INCOME TAX RETURN बस 15 मिनट में ऐसे खुद करें FILE, ये रही गाइडलाइन…

ऐसे खुद करें अपना INCOME TAX RETURN FILE…

भोपालJul 16, 2018 / 03:25 pm

दीपेश तिवारी

अपना INCOME TAX RETURN बस 15 मिनट में ऐसे खुद करें FILE, ये रही गाइडलाइन…

भोपाल। इनकम टैक्स रिटर्न भरने के लिए अब केवल 14 दिन ही बचे हैं। ऐसे में यदि आपने अभी तक ITR फाइल नहीं की है तो आज कर लीजिए। वैसे तो हम नौकरीपेशा लोगों के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है, लेकिन लास्ट डेट तक इंजतार क्यों करें? आप आज ही अपना इनकम टैक्स रिटर्न आप खुद भी भर सकते हैं। इसमें सिर्फ 15 मिनट लगेंगे।
सीए नीतिन झा बताते हैं कि इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। अगर आपने फाइनैंशल इयर 2017-18 (असेसमेंट इयर 2018-19) का रिटर्न 31 जुलाई तक नहीं भरा, तो आपको भारी पेनल्टी भरनी पड़ सकती है। ऐसे में आपको ITR जल्दी से जल्दी फाइल कर देना चाहिए। ITR फाइल करने से पहले कुछ बातों के बारे में जानना जरूरी है, जो इस प्रकार हैं…
महत्वपूर्ण तारीखें
सामान्य टैक्सपेयर के लिए आखिरी तारीख: 31 जुलाई
ऑडिट वाले टैक्सपेयर (कंपनी और बिजनेसमैन) के लिए: 30 सितंबर
बिजनेसमैन (टीपी रिपोर्ट): 30 नवंबर

टैक्स भरने से पहले ये डॉक्युमेंट्स अपने पास रख लीजिए…
1. PAN
2. आधार
3. Form16
4. Form16A
आपके जितने भी बैंक अकाउंट हैं, सभी की 31 मार्च 2018 तक अपडेट हुई स्टेटमेंट या पासबुक तैयार रखें। हर बैंक अकाउंट में देखें कि सालभर में कितना बैंक इंट्रेस्ट दिया गया है। यह साल में चार बार दिया जाता है। सभी का टोटल करें।
अगर आपकी कोई FD है, तो बैंक या पोस्ट ऑफिस जाकर उसका Accrued Interest मालूम कर लें। ये दोनों तरह के ब्याज आपको रिटर्न फॉर्म में Income from Other Sources में दिखाने हैं। रिटर्न में आपको Deduction under Chapter VI-A में भी 80C आदि की जानकारी देनी होती है, जिसके आधार पर आपको इनकम टैक्स में कटौती मिलती है।
जैसे कि: इंश्योरेंस, पीपीएफ, मेडिक्लेम, ट्यूशन फीस आदि। इन्हें भरने के लिए आप Form16 के Part B की मदद लें, क्योंकि इन निवेश और खर्चों की जानकारी अपने ऑफिस में पहले ही दे चुके होते हैं। अगर कोई निवेश या खर्च ऑफिस में दर्ज कराने से छूट गया है तो उसे अब आप रिटर्न में बताकर अपनी टैक्स देनदारी घटा सकते हैं और रिफंड क्लेम कर सकते हैं। होम लोन/ब्याज के सर्टिफिकेट (यह लोन देने वाली संस्था से मिल जाएगा) और खर्चों, निवेश के पेपर लेकर जाएं।
जानिये टैक्स भरना किसे जरूरी…
अगर आपकी सालाना टैक्सेबल इनकम 2.50 लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको रिटर्न फाइल करना अनिवार्य है। इनकम टैक्स रिटर्न ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से फाइल किया जा सकता है। 5 लाख रुपये से ज्यादा आमदनी वालों के लिए ऑनलाइन ITR फाइल करना अनिवार्य है।
वहीं सुपर सीनियर सिटीजन (जिनकी उम्र 80 साल से ज्यादा हो) ऑफलाइन रिटर्न भर सकते हैं। अगर आपकी टैक्सेबल इनकम सालाना 2.50 लाख रुपये से कम है तो आपके लिए ITR भरना अनिवार्य नहीं है। वैसे, आप जीरो आईटीआर भी भर सकते हैं। जीरो आईटीआर का मतलब यह है कि आप सरकार को टैक्स तो नहीं चुकाते, लेकिन अपनी आमदनी और खर्च की जानकारी दे देते हैं।
ITR फाइल करने के ये हैं फायदे…
कारोबार के लिए अहम : यदि आप अपना कारोबार शुरू करने जा रहे हैं तो आपके लिए आईटीआर बहुत महत्वपूर्ण है। यही नहीं, अगर आप कोई कॉन्ट्रैक्ट हासिल करना चाहते हैं तो आपको आईटीआर दिखाना पड़ेगा। किसी सरकारी विभाग में ठेका हासिल करने के लिए पिछले पांच साल का इनकम टैक्स रिटर्न दिखाना पड़ता है।
बैंक से लोन और क्रेडिट कार्ड लेना: अगर आप नियमित तौर पर आईटीआर फाइल करते हैं तो आपको बैंक से कार या होम लोन, क्रेडिट कार्ड आदि आसानी से मिल जाते हैं।
ज्यादा बीमा कवर मिलने में: अगर आप एक करोड़ रुपये का इंश्योरेंस कवर (टर्म प्लान) लेना चाहते हैं तो इंश्योरेंस कंपनियां आपसे आईटीआर प्रूफ मांग सकती हैं।
टेक्स कैल्कुलेटर पर जाने के लिए यहां करें CLICK : INCOME And tax CALCULATOR

 

वीजा पाने में सुविधा: यदि आप कारोबार या नौकरी के सिलसिले में विदेश जाना चाहते हैं तो आपके लिए आईटीआर जरूरी है। बहुत से विदेशी दूतावास वीजा एप्लिकेशन के साथ पिछले दो साल का आईटीआर मांगते हैं।
पते का पक्का सबूत: आईटीआर की कॉपी आपके लिए रेसिडेंशल प्रूफ का काम करती है। आप इसका उपयोग सभी सरकारी कामों में कर सकते हैं।
जानिये क्या है ऑनलाइन-ऑफलाइन…
1. इलेक्ट्रॉनिक मोड :
Online: इस प्रक्रिया में आईटीआर फाइल करने के लिए 15 मिनट का समय मिलता है। पूरा फॉर्म भरने के बाद आपको फ़ौरन जमा करना पड़ता है। इसमें समय की पाबंदी है। हालांकि इसका फायदा यह है कि रिटर्न फाइल करने का कंफर्मेशन आपको ई-वेरिफिकेशन के जरिए तुरंत मिल जाता है।
Offline: ऑफलाइन प्रक्रिया में आप आईटीआर फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं और आराम से बैठकर भर सकते हैं। इसमें समय की कोई पाबंदी नहीं होती। फॉर्म भरने के बाद इसे सेव करना होता है और फिर इनकम टैक्स की वेबसाइट पर लॉगइन कर इसे अपलोड कर सबमिट करना होता है।
2. व्यक्तिगत रूप से:

यदि आप फॉर्म भरते समय कंप्यूटर का प्रयोग नहीं करना चाहते तो आईटीआर फॉर्म डाउनलोड करके या बाजार से खरीदकर उसे भरें और फिर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में व्यक्तिगत रूप से जाकर जमा कराएं और वहां से स्टांप लगवाकर रसीद ले लें।
कहां आपको फॉर्म जमा करना है, उसका पता आपको आपके पैन कार्ड से मिल सकता है। इस प्रक्रिया को ऐसे समझें:
– वेबसाइट incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं।
– यहां लेफ्ट साइड में आपको Quick Links मिलेगा। इसमें आपको नीचे की तरफ Know Your PAN|TAN|AO का ऑप्शन मिलेगा।
– यहां AO पर क्लिक करें। अपना पैन नंबर और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर डालें।
– आपको ओटीपी मिलेगा। इसे भरकर आप अपने इनकम टैक्स ऑफिस और वार्ड का पता लगा सकते हैं।
यहां ध्यान रखें कि इनकम टैक्स ऑफिस जाकर व्यक्तिगत रूप से आईटीआर वही भर सकता है, जिसकी इनकम 50 लाख रुपये सालाना से ज्यादा हो या उम्र 80 साल से ज्यादा हो। बाकी सभी को आईटीआर इलेक्ट्रॉनिक मोड से ही भरना होगा।
आईटीआर फॉर्म में इस साल हुए बदलाव
1. कई फॉर्म में मुक्ति: इस बार रिटर्न भरने के नए फॉर्म जारी किए गए हैं। सैलरी, एक हाउस प्रॉपर्टी और अन्य स्रोत के जरिए कुल 50 लाख रुपये सालाना तक की आमदनी वालों के लिए सिर्फ एक ही फॉर्म आईटीआर-1 भरना होगा।
2. सैलरी ब्रेकअप देना होगा: सैलरी वाले लोगों को इस बार आईटीआर-1 में अपना सैलरी ब्रेकअप देना होगा।

3. भत्ते और मेडिकल की जानकारी: इस बार आईटीआर फॉर्म में वेतन में दिए जाने वाले बेसिक वेतन, मकान भत्ता, वाहन भत्ता, मेडिकल, अन्य भत्ते आदि की पूरी जानकारी देनी होगी। इससे पहले सिर्फ कुल वेतन की रकम दर्शानी होती थी।
मैं कौन-सा फॉर्म भरूं?
ITR 1: इसे सहज के नाम से भी जाना जाता है। यह सैलरी, एक हाउस प्रॉपर्टी और अन्य स्रोत के जरिए कुल 50 लाख रुपये सालाना तक की आय वालों के लिए होता है। पहले जानिए कि अन्य स्रोत का मतलब क्या होता है:
दरअसल, किसी भी व्यक्ति की आमदनी के पांच मुख्य स्रोत होते हैं।

पहला- सैलरी।

दूसरा- हाउसिंग प्रॉपर्टी में किराए से आमदनी।

तीसरा- बिजनेस या प्रफेशन तरीके से इनकम।

चौथा- कैपिटल गेंस (शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, हाउस प्रॉपर्टी और जूलरी बेचने आदि से हुआ प्रॉिफट)
पांचवां- इन चारों से अलग आमदनी का जो भी स्रोत होगा। यह स्रोत अन्य में आएगा।

ITR 2: यह फॉर्म उन व्यक्तियों और हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) के लिए होता है, जिनकी इनकम बिजनेस या प्रोफेशन से नहीं होती। इनकी आय हाउस प्रॉपर्टी या पूंजी के जरिए अर्जित होती है। अगर किसी के पास कुछ विदेशी संपत्ति है या उसे विदेश से कमाई है, उसे आईटीआर फॉर्म 2 भरना होगा।
ITR 3: यह फॉर्म उन लोगों के लिए भरना जरूरी होता है, जो खुद बिजनेस कर रहा हो या किसी प्रफेशन से आमदनी हासिल कर रहे हों।

वहीं सीए नीतिन झा का ये भी कहना है कि: इनके अलावा और भी फॉर्म हैं, जिनकी जरूरत बिजनेस और अन्य से जुड़े लोगों के लिए होती है। इसके लिए एक्सपर्ट से जानकारी लें।
ITR फॉर्म डाउनलोड…
सभी आईटीआर फॉर्म डाउनलोड कर भरे जा सकते हैं, लेकिन अगर आप आईटीआर-1 भरने जा रहे हैं, तो इसे बिना डाउनलोड किए भी भरा जा सकता है। आईटीआर फॉर्म डाउनलोड ऐसे करें:
– इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं।
– यहां आपको लेफ्ट साइड में Quick Links के नीचे Submit Returns/Forms का ऑप्शन मिलेगा। इसे क्लिक करें।
– इसके बाद आपको ऊपर की ओर Home के बराबर में Downloads का ऑप्शन मिलेगा। इसे क्लिक करें।
– अब आपको income tax Return Preparation Utilities का ऑप्शन मिलेगा। इसे क्लिक करें।
– यहां आपको ITR फॉर्म मिल जाएंगे। जरूरत के हिसाब से फॉर्म को डाउनलोड कर लें। आमतौर पर आपको ITR-1 ही डाउनलोड करना होगा। हो सके, तो एक्सल यूटिलिटी में फॉर्म डाउनलोड करें। इसे भरने में आसानी होती है।
जानिए, टैक्स रेट…
टैक्स रेट सामान्य पुरुष-महिलाएं सीनियर सिटिजन(60-80 साल) सुपर सीनियर सिटिजन (80 साल से ज्यादा)
– 0% 2.5 लाख तक 3.0 लाख तक 5.0 लाख तक
– 5% 2.5-5.0 लाख 3.0-5.0 लाख NIL
– 20% 5.0-10.0 लाख 5.0-10.0 लाख 5.0-10.0 लाख
– 30% 10 लाख से ज्यादा 10 लाख से ज्यादा 10 लाख से ज्यादा
ध्यान रखें ये बातें:

1. इनकम टैक्स पर 3% एजुकेशन और हेल्थ सेस अतिरिक्त लगेगा।
2. 50 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई पर 10% सरचार्ज।
3. एक करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई पर 15% सरचार्ज।
4. किसी भी उम्र की महिलाओं के लिए कोई अलग छूट या टैक्स रेट नहीं है।
कौन-से निवेश या खर्च पर इनकम टैक्स छूट मिलेगी
अगर आप इस बात से अनजान हैं कि आपकी कौन सी बचत इनकम टैक्स के किस कानून में आएगी, तो आप अपना कंफ्यूजन ऐसे दूर कर सकते हैं:
1. Section 80C
– इसके तहत कुल 1.50 लाख रुपये तक के निवेश या खर्च पर छूट पा सकते हैं। जीवन बीमा, EPF, PPF, सुकन्या समृद्धि योजना, टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड, टैक्स सेविंग FD।
– दो बच्चों की पढ़ाई में सिर्फ ट्यूशन फीस, होम लोन की किस्त में शामिल मूलधन का हिस्सा, घर की खरीद में स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज आदि।
– नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के टियर-1 अकाउंट में 50 हजार रुपये तक के निवेश पर।
2. Section 80EE
यदि आपने घर के लिए बैंक से लोन लिया है तो इसके लिए चुकाने वाले मासिक किश्त में कुल 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर छूट इस सेक्शन के तहत मिलती है।
3. Section 80D
– अगर आपने फैमिली फ्लोटिंग वाला हेल्थ इंश्योरेंस लिया है, तो प्रीमियम की रकम (25 हजार तक) पर।

– अगर आप पैरेंट्स के लिए अलग से हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते हैं, तो उस पर भी 25 हजार रुपये के प्रीमियम पर। – यदि आपके पैरेंट्स सीनियर सिटिजन हैं और आप उनके लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, तो 30 हजार रुपये के प्रीमियम पर। इस हिसाब से खुद और सीनियर सिटिजन पैरेंट्स के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेकर आप 55 हजार रुपये तक के प्रीमियम पर टैक्स बचा सकते हैं।
– साथ ही, आप अपने, पति/पत्नी और बच्चों के हेल्थ चेक-अप के लिए 5,000 रुपये तक का बेनिफिट ले सकते हैं। लेकिन यह मेडिक्लेम की कुल सीमा के भीतर होता है।
– यदि आपके पैरेंट्स सुपर सीनियर सिटीजन (उम्र 80 से अधिक है ) हैं और उनके लिए कोई मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम नहीं लिया है, तो उन पर किए गए मेडिकल खर्चों की आपको छूट प्राप्त होगी, जो अधिकतम 30,000 तक की हो सकती है।
4. Section 80E
अगर आपने खुद अपने लिए, अपने पति/पत्नी या बच्चे की पढ़ाई के लिए एजुकेशन लोन लिया है तो इस पर लगने वाली ब्याज की पूरी रकम पर आपको सेक्शन 80E के तहत टैक्स छूट मिलती है।
5. Section 80TTA
यदि आपका अकाउंट किसी बैंक या पोस्ट ऑफिस में है, तो उस पर मिलने वाली ब्याज पर टैक्स लगता है। इस सेक्शन के तहत आप एक वित्त वर्ष में ब्याज पर अधिकतम 10 हजार रुपए की छूट पा सकते हैं।
सीए नीतिन झा का कहना है कि: इनके अलावा टैक्स सेविंग के और भी सेक्शन हैं, जो विशेष परिस्थितियों में ही लागू होते हैं।

देर से भरेंगे तो ये होगा नुकसान…
– आपको आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई तक रिटर्न फाइल कर देना चाहिए। अगर इसमें देरी करते हैं तो इसकी भारी कीमत चुकानी होगी।
– अगर आप आईटीआर 1 अगस्त से 31 दिसंबर के बीच फाइल करते हैं तो आपको 5000 रुपये जुर्माना देना होगा। लेकिन अगर आपकी कुल सालाना आमदनी 5 लाख रुपये से कम है तो जुर्माने की रकम 1000 रुपये होगी।
– अगर आप 1 जनवरी से 31 मार्च 2019 तक रिटर्न फाइल करते हैं तो आपको 10 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा।
– अगर आप पर इनकम टैक्स की कोई देनदारी बनती है और रिटर्न देर से फाइल करते हैं, तब पेनल्टी के साथ-साथ देनदारी पर 1% हर महीने ब्याज भी लगेगा।
नहीं भरेंगे तो ये होगा नुकसान…
-अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न भरने के दायरे में नहीं आते: कोई चिंता नहीं।
-अगर इनकम टैक्स भरने के दायरे में आते हैं और इनकम टैक्स की कोई देनदारी नहीं है, तो ऐसे में आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से रिटर्न फाइल करने का नोटिस मिलेगा। साथ ही आपको पेनल्टी देनी होगी।
-अगर इनकम टैक्स भरने के दायरे में आते हैं और इनकम टैक्स की देनदारी है, तो न केवल आपको नोटिस मिलेगा, बल्कि आपको पेनल्टी के साथ टैक्स की देनदारी पर 1% हर महीने के हिसाब से ब्याज भी देना होगा।
-अगर इनकम टैक्स भरने के दायरे में आते हैं और रिफंड बनता है, तो आप उस रिफंड से वंचित तो होंगे ही साथ ही आपको पेनल्टी भी देनी पड़ेगी।
कुछ खास जरूरी बातें…
आईटीआर भरने के लिए इन डॉक्युमेंट की पड़ेगी जरूरत
फॉर्म 16: अगर आप किसी कंपनी में काम करते हैं और सैलरी मिलती है तो आपको कंपनी से फॉर्म-16 लेना जरूरी होता है। इसमें दो पार्ट 16A और 16B होते हैं। पार्ट 16A में कंपनी द्वारा काटे गए टीडीएस और पार्ट 16B में सैलरी ब्रेकअप होता है।
 

फॉर्म 16 A/B/C : सैलरी के अतिरक्त आपके एफडी, रेकरिंग डिपॉजिट आदि पर यदि TDS कटा है तो आपका बैंक आपको फॉर्म 16A जारी करेगा। इसमें काटे गए टीडीएस की रकम का ब्योरा दिया गया होगा। अगर आपने इस फाइनैंशल इयर में कोई संपत्ति बेची है तो खरीदार आपको फॉर्म 16B जारी करेगा। इसमें आपको भुगतान की गई राशि पर काटे गए TDS का विवरण दर्ज होगा। फॉर्म 16C किराये से आमदनी पर काटे गए टैक्स के लिए जारी किया जाता है।
फॉर्म 26AS: आप जो सरकार को अलग-अलग टैक्स देते हैं, इसमें उसका पूरा रेकॉर्ड दर्ज रहता है। आपके द्वारा सरकार के पास जमा की गई अडवांस टैक्स की किस्त, टीडीएस आदि का ब्यौरा भी रहता है।
सैलरी स्लिप: यदि कंपनी आपकी सैलरी से टीडीएस नहीं काटती है, तो आपको फॉर्म 16 नहीं मिलेगा। तब आप सैलरी स्लिप की मदद से रिटर्न भर सकते हैं।

PAN नहीं है तो क्या करें?
अगर आप इनकम टैक्स भरना चाहते हैं या रिटर्न फाइल करना चाहते हैं, तो आपके लिए पैन कार्ड जरूरी है। अगर आपने अभी तक पैन कार्ड नहीं बनवाया है, तो चिंता होने की बात नहीं है। आप तुरंत ही ई-पैन बनवा सकते हैं। इस सुविधा का लाभ सिर्फ इंडिविजुअल्स को ही मिल पाएगा। ई-पैन कार्ड इस तरह बना सकते हैं:
– सबसे पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं।
– यहां लेफ्ट साइड में आपको Quick Links लिखा दिखेगा। इसमें दिए सबसे पहले ऑप्शन Instant e-PAN पर क्लिक करें और दिए गए निर्देशों को ध्यान से पढ़ें।
– ई-पैन कार्ड के लिए आपके पास आधार नंबर होना जरूरी है और इससे जुड़ा मोबाइल नंबर आपके पास ऐक्टिव स्थिति में होना चाहिए।
– यह पेपरलैस सुविधा है। आवेदकों को किसी भी प्रकार का डॉक्युमेंट भेजने की जरूरत नहीं है।
– ई-पैन के लिए आवेदक को एक वाइट पेपर पर अपना साइन कर उसे स्कैन करके अपलोड करना होगा। यह साइन JPEG मोड में और 10KB से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
– एप्लिकेशन भरने और इसके सफलतापूर्वक समिट होने के बाद तुरंत पैन जेनरेट हो जाएगा। यह आपके मोबाइल नंबर या ई-मेल आईडी पर भेज दिया जाएगा। कुछ दिनों बाद पैन आवेदक के पते पर भेज दिया जाएगा। पैन कार्ड चाहे बाद में मिले, इससे मोबाइल पर आए नंबर की मदद से अपना रिटर्न भर सकते हैं।
ऐसे करें PAN को आधार से लिंक?
ऑनलाइन रिटर्न फाइल करने के लिए आपका पैन और आधार एक-दूसरे से लिंक होना जरूरी है, पर अनिवार्य नहीं। सरकार ने पैन को आधार से लिंक कराने की तारीख फिर से बढ़ाकर 31 मार्च 2019 कर दी है। पैन को आधार से लिंक कराने की प्रक्रिया इस प्रकार है-
– सबसे पहले incometaxindiaefiling.gov.in पर जाएं।
– यहां लेफ्ट साइड में Quick Links दिखा मिलेगा। इस लिंक के नीचे दूसरे नंबर पर लिखे Link Aadhaar पर क्लिक करें।
– फिर आपको सबसे ऊपर Click here मिलेगा। अगर आपने पहले ही अपना पैन और आधार लिंक किया है, तो इसका स्टेटस देखने के लिए Click here पर क्लिक करें।
– अगर आपने अपना आधार पैन से लिंक नहीं किया है, तो Click here के नीचे दिए पैन, आधार नंबर और अपना नाम और इमेज में लिखे अक्षरों को टाइप करें।
– इसके बाद नीचे दिए गए आधार लिंक पर क्लिक करें।
– इसके बाद आपका पैन और आधार लिंक हो जाएगा। अगर कोई परेशानी आती है तो यहां पता चल जाएगा।
– अगर आधार में आपके नाम या जन्मतिथि से संबंधित कोई परेशानी है, तो UIDAI की वेबसाइट पर जाकर आधार में सुधार करवा लें।
 

फॉर्म भरने से पहले ऐसे करें अपना टैक्स कैलकुलेट…
अपना टैक्स जानने के लिए आप टैक्स कैलकुलेटर की मदद ले सकते हैं। यह इनकम विभाग की वेबसाइट पर भी है। इसके लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की वेबसाइट incometaxindiaefiling.gov.in खोलें। लेफ्ट में Quick Links में नीचे में तीसरे स्थान पर Tax Calculator मिलेगा। इसकी हेल्प से अपना टैक्स इस प्रकार कैलकुलेट करें
टेक्स कैल्कुलेटर पर जाने के लिए यहां करें CLICK : Tax Calculator

Tax Calculator पर क्लिक करने के बाद Tax Tools वाला पेज खुल जाएगा। यहां आप Individual/HUF वाला ऑप्शन चुनें। इसके नीचे आपको कुछ बॉक्स मिलेंगे। इनमें दूसरी लाइन में दूसरे नंबर पर Income and Tax calculator का बॉक्स मिलेगा। इसे क्लिक करें। इसके बाद आपको कुछ ऑप्शन मिलेंगे। सबसे पहले Assessment Year में 2018-19 को सिलेक्ट करें। शुरू की जानकारी देने के बाद आप पांचवें नंबर पर Income from Salary भरें। इसका जिक्र आपको फॉर्म 16 में मिलेगा। इसके लिए आप फॉर्म 16 का Part B खोलें।
यहां Gross Salary में दी गई रकम में से u/s 10 के तहत दिए गए Allowances घटाने के बाद जो रकम आएगी, उसे Income from Salary में भरें। अब अगर आपकी हाउस प्रॉपर्टी से आमदनी (किराया) है, तो उसे यहां लिखें। वैसे अगर आपके पास कैपिटल गेंस से आमदनी है, तो आप उसे यहां किसी एक्सपर्ट की मदद से भर सकते हैं।
इसके बाद आप Income From Other Sources में जाकर राइट साइट में लिखे Show Details पर क्लिक करें। अब यहां कुल Interest की रकम भरें। अब कैलकुलेटर में थोड़ा नीचे की ओर दिए गए Deductions पर आ जाएं। इस लाइन में आपको राइट साइड में Show Details लिखा मिलेगा। इसे क्लिक करें।
यहां आपको पहला ऑप्शन Life Insurance premium paid का मिलेगा। अगर आपने कोई बीमा कराया है, तो उसकी प्रीमियम की अमाउंट यहां भरें। इसके बाद आपको अन्य ऑप्शन जैसे PPF, NSC, ULIP, MF/UTI आदि मिलेंगे। अगर आपको पास इनमें से कुछ है, तो उसकी प्रीमियम का जिक्र करें। इसके बाद आता है Tuition fees paid for children का ऑप्शन।
इसके अंतर्गत आप किन्हीं दो बच्चों की पढ़ाई के खर्च पर आप छूट ले सकते हैं, बच्चों की उम्र कुछ भी हो। इसमें अधिकतम सीमा 1.50 लाख रुपये है। एजुकेशन फुलटाइम होनी चाहिए। प्राइवेट ट्यूशन या कोचिंग आदि में दी गई फीस इसमें नहीं चलेगी। साथ ही किताबों पर होने वाले खर्च, दाखिले के वक्त दिया गया डोनेशन, कैपिटेशन फीस, एडमिशन फीस, ऐनुअल चार्जेज (वार्षिक शुल्क), डिवेलपमेंट चार्ज आदि भी इसमें शामिल नहीं कर सकते।
इन्हें भरने के बाद इनका टोटल अपने आप हो जाएगा। यहां ध्यान रहे, आप चाहे सेविंग की कितनी भी अमाउंट भर दें, लेकिन नियमानुसार आपको सिर्फ 1.50 लाख तक की ही छूट मिल सकती है। इसके बाद आप मेडिकल क्लेम प्रीमियम और अन्य सेविंग के बारे में जानकारी दें। सारी चीजें भरने के बाद Net Taxable Income अपने आप आ जाएगी।
अब आपको Form 16 के Part A की जरूरत होगी। इसमें कंपनी द्वारा काटे गए TDS का जिक्र होता है। अगर TDS की रकम Net Payable Tax से ज्यादा है, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। यही नहीं, इसका अर्थ हुआ कि सरकार के आप आपका ज्यादा पैसा जमा हो गया है और इसे पाने के लिए आप क्लेम कर सकते हैं। आपको यह क्लेम आईटीआर फाइल करते समय करना होगा।
वहीं अगर TDS की रकम Net Payable Tax से कम है, तो बची रकम पर कुछ सेस लगने के बाद आपको इसे टैक्स के रूप में देना होगा। और अगर TDS और Net Payable Tax की अमाउंट बराबर है, तो आपको न कुछ देना है और न ही कुछ लेना है। अब अगर आप पर टैक्स लायक रकम निकलती है, तो आपको आगे की प्रक्रिया से पहले इसे जमा कराना होगा।
 

आप इसे ऑनलाइन या बैंक जाकर चालान फॉर्म के जरिए जमा करा सकते हैं। रिटर्न फाइल करते समय आपको चालान संख्या देनी होगी।
कटौती बढ़ा-चढ़ाकर न दिखाएं: आमदनी कम और कटौती को बढ़ा-चढ़ाकर न दिखाएं। आप पर कार्रवाई हो सकती है।
सभी बैंक अकाउंटों की जानकारी दें: बैंक का खाता चाहे वह चल रहा हो या फाइनैंशल इयर में बंद हो गया हो, रिटर्न भरते समय सबकी जानकारी दें। अगर जॉइंट अकाउंट है तो अकाउंट होल्डरों की जानकारी दें।
सीए नीतिन झा कहते हैं: अगर आपको किसी भी चीज को समझने में परेशानी आती है तो एक्सपर्ट की राय लें।

आईटीआर फाइल नहीं करने पर जुर्माना :
अगर आपने 31 जुलाई से पहले आयकर रिटर्न फाइल नहीं किया तो आप पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 234एफ के तहत जुर्माना लग सकता है। 31 जुलाई के बाद और 31 दिसंबर से पहले आईटीआर फाइल करने पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगेगा। जबकि 31 दिसंबर के बाद आईटीआर फाइल करने पर जुर्माने की राशि बढ़कर दस हजार रुपये हो जाएगी। हालांकि अगर आपकी आय 5 लाख रुपये से ज्यादा नहीं है तो आपको एक हजार रुपये का ही जुर्माना भरना होगा।

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