scriptप्लॉट देने के नाम पर 107 करोड़ की ठगी कर फरार होने वाले MP के भूमाफिया रमाकांत को 12 साल बाद उम्रकैद की सजा | Finally land mafia Ramakant sentenced to life imprisonment after 12 yr | Patrika News

प्लॉट देने के नाम पर 107 करोड़ की ठगी कर फरार होने वाले MP के भूमाफिया रमाकांत को 12 साल बाद उम्रकैद की सजा

locationभोपालPublished: Jun 03, 2022 09:54:48 am

वेष बदलकर रह रहा था इंदौर में

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भोपाल। पंचवटी कॉलोनी में प्लॉट के नाम पर लोगों से करीब 107 करोड़ ठगने वाले रमाकांत विजयवर्गीय को जिला अदालत ने गुरुवार को उम्रकैद की सजा सुनाई है। 50 हजार जुर्माना भी लगाया। एडीजे धर्मेंद्र टांडा की कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।

करीब 250 लोगों के साथ ठगी कर विजयवर्गीय भाग गया था, उसे दो साल पहले इंदौर से गिरफ्तार किया गया था। बता दें कि रमाकांत विजयवर्गीय ने 1976 में उज्जैन के कॉलेज से इंजीनियरिंग की थी। इसके बाद सरकारी विभागों में ठेके लेने लगा। उसने 2002-03 में भोपाल में एयरपोर्ट रोड पर पंचवटी फेज-1 पर काम किया। उसे अच्छा रिस्पांस मिला। इसके बाद उसने पंचवटी फेज-2 और फेज-3 लॉन्च की।

जमीन के लिए किसानों से एग्रीमेंट किया, लेकिन मनमुटाव के बाद किसानों ने जमीन देने से इनकार कर दिया। इससे प्रोजेक्ट अटक गया, लेकिन विजयवर्गीय प्लॉट्स बुक कर लगातार पैसे लेता रहा और लोगों के पैसे वापस किए बिना भाग गया।

2010 में कोहेफिजा थाने में रमाकांत विजयवर्गीय के खिलाफ धोखाधड़ी का पहला केस दर्ज किया गया था। इसके बाद अब तक इसी थाने में उसके खिलाफ 22 केस दर्ज हो चुके हैं। भोपाल, इंदौर और ईडी में रमाकांत के खिलाफ 38 केस दर्ज हैं। इसके साथ ही 100 से अधिक आवेदकों ने कोर्ट में उसके खिलाफ केस दायर कर रखा था।

वेष बदलकर रह रहा था इंदौर में
गिरफ्तारी से बचने उसने इंदौर में ठिकाना बनाया था। यहां वह बाबा के रूप रामकुमार व्यास के नाम से रह रहा था। उसने दाढ़ी बढ़ाकर वेष भी बदल लिया था। इंदौर में उसने नमकीन व ट्रेवल एजेंसी का काम शुरू कर दिया था। उसे दो साल पहले कोहेफिजा पुलिस ने इंदौर से पिकड़ा था, तब से वह जेल में है। लोगों को ठगने रमाकांत ने भोपाल में डिस्ट्रिक इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाई थी।

पीडि़त बोले- हमें भी मिले न्याय
बैरसिया रोड की सईद कॉलोनी की नईमा ने केस दर्ज कराया था। उन्होंने बताया, पैतृक संपत्ति से मिली रकम उन्होंने पंचवटी कॉलोनी फेस-3 में भूखंड खरीदने में निवेश किया था। अक्टूबर 2005 में विजयवर्गीय ने नईमा को 2700 वर्गफीट का भूखंड 7.50 लाख रुपए में देने का करार किया। राशि लेने के बाद न भूखंड दिया और न पैसे लौटाए।

बीडीए कॉलोनी की प्रेरणा फूलवानी, सहयाद्रि परिसर के डॉ. अनिल शिवानी, इब्राहिमपुरा की विलकिस जहां ने कहा, 2006 में 1500 वर्गफीट के प्लाट पंचवटी इनक्लेव में बुक किए। रमाकांत विजयवर्गीय और पार्टनर सतीश विजयवर्गीय व मंडलोई को 3 वर्ष में रजिस्ट्री करनी थी। प्रेरणा ने 7.50 लाख, डॉ. अनिल ने 5.85 लाख, विलकिस ने 5.45 लाख जमा किए, पर रजिस्ट्री नहीं हुई।

फरियादियों के पैसों का क्या होगा
विजयवर्गीय के खिलाफ कई मामले दर्ज हैं। कई मामले कोर्ट में चल रहे हैं। विजयवर्गीय पिछले दो साल से जेल में है। गिरफ्तारी के बाद भी उसके पास ज्यादा राशि नहीं मिली थी। उसने यह राशि कहीं लगा दी थी। ऐसे में कोर्ट ही तय करेगा कि फरियादियों को उनके पैसे कैसे वापस दिलाए जाएं।

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