
मध्यप्रदेश में जहां एक ओर राज्य सरकार कर्मचारियों, अधिकारियों के हितों के लिए हरसंभव कोशिश का दावा कर रही है वहीं शासन के ही कुछ अधिकारी इस मंशा पर पलीता लगा रहे हैं। प्रदेश के कोष और लेखा विभाग पर कर्मचारियों की वेतन वृद्धि में अड़ंगा लगाने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि राज्य सरकार के कर्मचारियों को नियमानुसार वेतनमान और समयमान वेतनमान का लाभ दिए जाने का प्रावधान है लेकिन कोष और लेखा विभाग ऐसे आवेदनों को बार बार आपत्ति लगाकर लौटा रहा है।
मध्यप्रदेश राज्य कर्मचारी संघ के शिक्षा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष संजय अवस्थी (sanjay awasthi) के अनुसार सतपुड़ा भवन स्थित कोष एवं लेखा विभाग के संयुक्त संचालक वेतनमान निर्धारण और समयमान वेतनमान के केस मंजूर ही नहीं कर रहे। वे बार बार आपत्ति लगाकर कर्मचारियों के आवेदन लौटा रहे हैं। अब प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा से इसकी शिकायत की गई है। वित्तमंत्री से संयुक्त संचालक और उनके स्टाफ की जांच की मांग भी की है।
संजय अवस्थी ने इस संबंध में खुद के प्रकरण का उदाहरण भी दिया। अवस्थी के अनुसार उनके वेतनमान और समयमान वेतनमान के आवेदन को 5 बार आपत्ति लगाकर लौटाया गया है। पिछले 16 महीने से यह केस लटका है। संयुक्त संचालक के द्वारा लगाई गई हर आपत्ति का जबाव भी दिया पर समयमान वेतनमान नहीं मिला।
राज्य कर्मचारी संघ के शिक्षा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष संजय अवस्थी अकेले उनका ही ऐसा केस नहीं है जिसे बार बार लौटाया गया हो। ऐसे अनेक कर्मचारियों को आपत्तियां लगाकर लगातार परेशान किया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि कर्मचारियों के 6 वें और 7 वें वेतनमान का निर्धारण होना है। इसके साथ ही पहले व दूसरे समयमान वेतनमान का लाभ भी दिया जाना है लेकिन कर्मचारियों को इससे वंचित रखा जा रहा है।
Updated on:
31 Oct 2024 09:03 am
Published on:
30 Oct 2024 08:26 pm
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