बच्चानी ने बताया कि बंगले की वर्तमान कीमत करीब 14 करोड़ रुपए है। जब लोन के 2 करोड़ 56 लाख रुपए से ज्यादा चुकता कर दिए हैं, तो तीस-पैैंतीस लाख रुपए देने में मुझे क्या परेशानी है। यह सब मकान से हटाने के लिए किया जा रहा है। कंपनी मकान पर कब्जा करना चाहती है। मामला डीआरटी हाईकोर्ट में चल रहा है। जिसकी एक मार्च 19 को सुनवाई होना है।
बच्चानी ने दावा किया कि रविवार सुबह मुख्यमंत्री निवास भी पहुंचे, जहां से सिर्फ आश्वासन मिला। इसके बाद वे मंत्री पीसी शर्मा के पास फरियाद लेकर पहुंचे। जब कहीं से कोई मदद नहीं मिली तो एएसपी पटेल के पास गए।
सरफेसी एक्ट के तहत कलेक्टर ने मकान को सील करने का आदेश दिया था। राजकुमार बच्चानी को कई बार नोटिस जारी किया जा चुका है। शनिवार को मकान सील करने की कार्रवाई की गई। कार्रवाई के दौरान उनके घर में दो-तीन कमरों में पहले से ही ताले लगे थे। उनसे ताले खोलने के लिए कहा, तो कहने लगे कि उसमें कुछ नहीं है। मकान सील कर दो। सभी बाहर आ गए और मकान सील कर दिया। इसके बाद भी पूछा कि कोई और तो नहीं है। लेकिन रविवार शाम को अचानक बच्चानी बताने लगे कि मेरा बेटा अंदर बंद है। यह बात समझ नहीं आती। मनगढ़ंत कहानी बनाई गई है।
राजेंद्र जैन, तहसीलदार टीटी नगर वृत्त
अखिल पटेल, एएसपी