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युवक सोता रहा, फायनेंस कंपनी के गुंडों ने सील कर दिया बंगला, 26 घंटे बाद निकाला

locationभोपालPublished: Feb 25, 2019 12:41:02 am

Submitted by:

Sumeet Pandey

आरोप- पिता चिल्लाता रहा बीमार बेटा कमरे में पड़ा है, लेकिन तहसीलदार बोले- मर जाने दो

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युवक सोता रहा, फायनेंस कंपनी के गुंडों ने सील कर दिया बंगला, 26 घंटे बाद निकाला

भोपाल. मालवीय नगर में लोन की किस्त नहीं चुकाने पर तहसीलदार के साथ पहुंचे फायनेंस कंपनी के गुंडों ने कारोबारी का बंगला सील कर दिया। कारोबारी चिल्लाता रहा कि बंगले के एक कमरे में उसका बीमार बेटा पड़ा है, लेकिन अधिकारियों ने उसकी एक नहीं सुनी। अधिकारी बंगला सील कर चले गए। करीब 26 घंटे तक कारोबारी का बेटा बंगले में भूख-प्यास से तड़पता रहा। पिता ने सीएम-मंत्री से गुहार लगाई, तब कहीं जाकर शनिवार को बंगले का ताला खोलकर युवक को निकाला गया।
जानकारी के मुताबिक, 88 मालवीय नगर निवासी राजकुमार बच्चानी कारोबारी हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 2011 में निजी फायनेंस कंपनी से तीन करोड़ का लोन लिया था। यह लोन इंपोर्टेड बॉटल बनाने की फैक्ट्री के लिए गया था। बच्चानी का दावा है कि लोन की 2 करोड़ 56 लाख रुपए की रकम भी चुकता कर चुके हैं। बच्चानी ने कहा कि शनिवार शाम करीब साढ़े पांच बजे मेरी पत्नी, बेटा यश, बड़े भाई रमेशचंद्र बच्चानी घर में थे। इसी दौरान फायनेंस कंपनी के 10-12 गुंडे तहसीलदार राजेंद्र जैन के साथ घर में घुस आए। हम सभी को घर के बाहर निकाल मकान सील कर दिया। घर के बाहर अपने गार्ड बैठा दिए। बच्चानी का कहना कि तहसीलदार को जब उन्होंने बताया कि बेटा यश एक कमरे में बीमार हालत में पड़ा है। उसे भी बाहर निकाल दीजिए, लेकिन वह नहीं माने। उन्होंने कहा कि मरने दो..।
14 करोड़ का बंगला
बच्चानी ने बताया कि बंगले की वर्तमान कीमत करीब 14 करोड़ रुपए है। जब लोन के 2 करोड़ 56 लाख रुपए से ज्यादा चुकता कर दिए हैं, तो तीस-पैैंतीस लाख रुपए देने में मुझे क्या परेशानी है। यह सब मकान से हटाने के लिए किया जा रहा है। कंपनी मकान पर कब्जा करना चाहती है। मामला डीआरटी हाईकोर्ट में चल रहा है। जिसकी एक मार्च 19 को सुनवाई होना है।
मुख्यमंत्री से सिर्फ आश्वासन मिला
बच्चानी ने दावा किया कि रविवार सुबह मुख्यमंत्री निवास भी पहुंचे, जहां से सिर्फ आश्वासन मिला। इसके बाद वे मंत्री पीसी शर्मा के पास फरियाद लेकर पहुंचे। जब कहीं से कोई मदद नहीं मिली तो एएसपी पटेल के पास गए।
मनगढ़ंत कहानी है…
सरफेसी एक्ट के तहत कलेक्टर ने मकान को सील करने का आदेश दिया था। राजकुमार बच्चानी को कई बार नोटिस जारी किया जा चुका है। शनिवार को मकान सील करने की कार्रवाई की गई। कार्रवाई के दौरान उनके घर में दो-तीन कमरों में पहले से ही ताले लगे थे। उनसे ताले खोलने के लिए कहा, तो कहने लगे कि उसमें कुछ नहीं है। मकान सील कर दो। सभी बाहर आ गए और मकान सील कर दिया। इसके बाद भी पूछा कि कोई और तो नहीं है। लेकिन रविवार शाम को अचानक बच्चानी बताने लगे कि मेरा बेटा अंदर बंद है। यह बात समझ नहीं आती। मनगढ़ंत कहानी बनाई गई है।
राजेंद्र जैन, तहसीलदार टीटी नगर वृत्त
रविवार दोपहर राजकुमार मेरे पास आए। उन्होंने बताया कि बंगले में उनका बेटा बंद है। उसे बाहर निकलवा दीजिए। मैंने एडीएम को घटना के बारे में बताया। इसके बाद प्रशासन की टीम के समक्ष बंगले को खोला गया। इसके बाद युवक बाहर आया।
अखिल पटेल, एएसपी
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