राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह खरगोन दंगे के बाद एक गलत ट्वीट करके फंसते नजर आ रहे हैं। प्रदेश के कई थानों में उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई है। भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और नर्मदापुरम में उनके खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई है।
दरअसल, दिग्विजय सिंह ने सोमवार को एक फोटो शेयर किया था जिसमें एक शख्स मस्जिद की मीनार पर चढ़कर भगवा झंडा लगाते दिख रहा था। इस पर उन्होंने कमेंट किया था कि ‘तलवार-लाठी लेकर धार्मिक स्थल पर झंडा लगाना उचित है? क्या खरगोन प्रशासन ने हथियारों को लेकर जुलूस निकालने की इजाजत दी थी? इस के साथ ही दिग्विजय ने इस फोटो को खरगोन का बता दिया था, लेकिन जब बिहार के मुजफ्फरपुर का निकला। कुछ ही देर बाद इस ट्वीट को डिलीट भी कर दिया गया, लेकिन तब तक यह काफी वायरल हो गया था।
सीएम पर भी हो केस दर्ज
इधर, दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री पर भी केस दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने मंगलवार को भोपाल के श्यामला हिल्स थाने को लेकर लिखा है, जिसमें कहा गया है कि 16 मई 2019 को राहुल गांधी का एक कूट रचित वीडियो बनाकर अपने ट्वीटर अकाउंट पर पोस्ट किया गया था, यह आपराधिक कृत्य है।
धार्मिक उन्माद फैलाने का षडयंत्र
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिग्विजय के ट्वीट पर कहा था कि प्रदेश में धार्मिक उन्माद फैलाने का षड्यंत्र है और प्रदेश को दंगे की आग में झोंकने की साजिश है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी कहा था कि दिग्विजय मध्यप्रदेश को बदनाम कर साम्प्रदायिक तनाव फैला रहे हैं। दिग्विजय ऐसा करते रहे हैं। पहले पाकिस्तान के ब्रिज को भोपाल से जोड़ दिया था। अब यह बाहर की मस्जिद, जिसमें झंडा फहराया जा रहा है, उसे मध्यप्रदेश से जोड़कर दिखाया गया।
चौथे दिन भी ढील नहीं
रविवार को रामनवमी के जुलूस पर हुए पथराव और हिंसा के बाद से लगे कर्फ्यू का बुधवार को चौथा दिन है। चौथे दिन भी प्रशासन ने कर्फ्यू में कोई ढील नहीं दी है। क्योंकि इससे पहले दो-तीन बार हिंसक झड़पें हो चुकी हैं। दंगे होने की स्थिति के बाद से ही खरगोन शहर में कर्फ्यू लागू है। लोग दूध जैसी जरूरी सेवाओं के लिए भी नहीं निकल पा रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है, समीक्षा करने के बाद ही कोई फैसला लेंगे।