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भोपाल

पुराने क बाडख़ाने में पन्नी के गोदाम में भीषण आग, ढाई माह में पांचवीं घटना

इलाके में देर रात मची अफ रा-तफ री, तीन फ ोम फ ाइटर सहित 15 दमक लों ने पाया क ाबू

भोपालMar 14, 2019 / 01:49 am

Ram kailash napit

Fire from truck running on Udaipur National Highway from Bhatewar

fire

भोपाल. पुराना कबाडख़ाना इलाके के पन्नी की गोदाम में मंगलवार-बुधवार की देर रात भीषण आग लग गई। 22 सौ वर्गफीट में बना गोदाम देखते ही देखते पूरी तरह जलकर खाक हो गया। तीन फोम फाइटर समेत 15 दमकलों ने करीब चार घंटे की मशक्कत कर आग पर काबू पाया। पुलिस की प्रारंभिक जांच में आग गोदाम में लगी बिजली तार में शॉर्ट सर्किट होना सामने आया है। आग जहांगीराबाद निवासी इसरार खां के पन्नी के गोदाम में लगी थी। कवाडख़ाने में पन्नी की गोदाम में आग लगने की यह पहली घटना नहीं है। करीब ढाई माह के अंदर यह पांचवीं घटना है। इसकी बड़ी वजह यह बताई जा रही कि कवाडख़ाने में बने गोदाम, व्यापारिक प्रतिष्ठानों के बाहर कवाड़ रखा गया है। इतना ही नहीं इलाके में ऐसा कोई मकान नहीं जिसकी छतों पर कबाड़ भरा हुआ है। असमाजिक तत्व गोदाम के बाहर पड़े कवाड़ में जलती बीड़ी-सिगरेट फेंक देते हैं। इस वजह से भी ये दुर्घटनाए होती हैं।

 

कवर्ड था गोदाम, बड़ा हादसा होने से बचा
फायर फाइटर पंकज यादव ने बताया कि गोदाम के एक बड़े हिस्से में आग लगी थी, जिसे बुझाने में भारी दिक्कत आईं। गोदाम कवर्ड होने की वजह से आग की लपटें दूर तक नहीं पहुंच सकीं। इसलिए आस-पास की गोदाम सुरक्षित रहे। आग लगने के बाद इलाके में दहशत फैल गई। गोदाम के आस-पास रहने वाले लोगों में अफरा-तफरी मच गई।
गोदाम में जली मिली केबल
पंकज ने बताया कि आग भीषण थी इसलिए पुल बोगदा, फतेहगढ़, माता मंदिर, बैरागढ़, गांधी नगर समेत तमाम जगह से दमकलें पहुंची। गोदाम में जली हुई केबल मिली है, जिससे अंदाजा लगाया जा रहा कि शॉर्ट सर्किट से आग लगी होगी।
गोविंदपुरा में फैक्ट्री में लगी आग
इधर, गोविंदपुरा औद्योगिक क्षेत्र में एक फैक्ट्री में भी देर रात भीषण आग लग गई। आग पर काबू पाने के लिए आधा दर्जन से अधिक दमकलें मौके पर रवाना की गई। दोनों ही मामलों में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है।
नोटिस जारी कर भूला प्रशासन, शहर से बाहर नहीं हो पाए कबाड़ गोदाम
भोपाल. राजधानी के पर्यावरण और सुरक्षा के लिए खतरा बने कबाड़ गोदाम अभी तक शहर से बाहर नहीं हो पाए हैं। अप्रैल 2010 में एक कबाड़ गोदाम में लगी आग बुझाने में अग्निशमन दस्ते को भी पसीना आ गया था। उसके बाद जिला प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए नोटिस तो जारी कर दिए थे, लेकिन एक भी गोदाम शहर से बाहर नहीं हो पाया है। कबाडख़ाना क्षेत्र में ही 40 बड़े और 90 छोटे गोदाम बना रखे हैं। इनमें प्लास्टिक, वाहनों का जला ऑयल, गत्ते, कागज एवं अन्य ज्वलनशील पदार्थ भरे रहते हैं। इससे यह गोदाम कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। इनमें से अधिकतर रिहायशी इलाकों में हैं। जिनके कारण दुर्घटना के वक्त दमकलों का इन तक पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है। वर्ष 2010 में जिला प्रशासन ने सभी कबाड़ गोदाम संचालकों को नोटिस जारी किए थे। इसमें गोदामों को खाली कर शहर से बाहर ले जाने के लिए कहा गया था। तत्कालीन संभागायुक्त मनोज श्रीवास्तव ने भी वर्ष 2013 में भोपाल के विकास संबंधी बैठक में सभी खतरनाक व्यवसायों को शहर से बाहर करने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद हटाए नहीं गए।
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