गाइड लाइन के अनुसार रात्रि 8 सात बजे से 10 बजे तक ही पटाखे फोडे जा सकेंगे।
प्रदेश में कोई भी व्यक्ति और कारोबारी आन लाइन पटाखों की खरीदी और बिक्री नहीं कर सकेगा। बेरियम सॉल्ट युक्त पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। पटाखों के जांचकर्ता अधिकारी और पटाखा कारोबार पटाखों के पैकेट में लगाए गए क्युआरकोड को स्केन कर इसकी पहचान कर सकेंगे।
प्रदेश में कोई भी व्यक्ति और कारोबारी आन लाइन पटाखों की खरीदी और बिक्री नहीं कर सकेगा। बेरियम सॉल्ट युक्त पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। पटाखों के जांचकर्ता अधिकारी और पटाखा कारोबार पटाखों के पैकेट में लगाए गए क्युआरकोड को स्केन कर इसकी पहचान कर सकेंगे।
वहीं लड़ी पटाखों के विक्रय और फोडऩे पर भी बोर्ड ने प्रतिबंध लगा दिया है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पटाखों की जांच के लिए लैब भी बनाया है, जहां अधिकारी उसकी जांच करा सकेंगे। बोर्ड दीपावली के सात दिन पहले से और 7 दिन बाद तक वायु गुणत्ता पर निगरानी करेगा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी से अपील की है कि पटाखा जलने के बाद कागज के टुकड़े, अधजले बारूद को कचरे अथवा प्राकृत जलस्रोत के पास न फेंके, क्योंकि कई बार इसकी चपेट में बेच्चे और कुत्ते, मवेशी आ जाते हैं। इसे नगर निगम के कर्मचारियों को ही दिया जाए।
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इनसे दूर फोड़ा जाएगा पटाखा
अस्पताल, नर्सिंग होम, हेल्थ केयर सेंटर, स्कूल, धार्मिक स्थलों से सौ मीटर की दूरी के अंदर पटाखे नहीं फोड़े जा सकेंगे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन क्षेत्रों को संवेदनशीन जोन घोषित किया है। पटाखे सरकार की अधिकृत एजेंसी में पंजीकृत संस्थाओं द्वारा अनुमति निर्माण कंपनियों के ही खरीदे और बेचे जा सकेंगे।
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इनसे दूर फोड़ा जाएगा पटाखा
अस्पताल, नर्सिंग होम, हेल्थ केयर सेंटर, स्कूल, धार्मिक स्थलों से सौ मीटर की दूरी के अंदर पटाखे नहीं फोड़े जा सकेंगे। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इन क्षेत्रों को संवेदनशीन जोन घोषित किया है। पटाखे सरकार की अधिकृत एजेंसी में पंजीकृत संस्थाओं द्वारा अनुमति निर्माण कंपनियों के ही खरीदे और बेचे जा सकेंगे।