दरअसल, हजेला के पास असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) की जिम्मेदारी पांच साल से ज्यादा समय तक रही है। इसे लेकर ही एक साल पूर्व वे विवादों में घिर गए थे। हजेला को सुप्रीम कोर्ट ने एनआरसी राज्य कोऑर्डिनेटर के रूप में नियुक्त किया था, जिससे वह पिछले साल नवंबर में मुक्त हो गए थे और मध्य प्रदेश लौट आए थे। उक्त एफआईआर उनके असम कार्यकाल को लेकर हुई है। वर्तमान में हजेला मप्र में स्वास्थ्य आयुक्त हैं।
ये है मामला-
असम में एनआरसी पिछले साल 31 अगस्त को लागू हुई थी, जिससे 19 लाख लोग बाहर कर दिए गए थे। इसके बाद से हजेला पर एनआरसी डेटा से छेड़छाड़ और धन की हेराफेरी का आरोप लगाते हुए अब तक 5 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। इनमें से तीन एफआईआर असम पब्लिक वक्र्स (एपीडब्ल्यू) ने दर्ज कराई, जो एनआरसी अपडेशन प्रक्रिया की मुख्य याचिकाकर्ता है। एपीडब्ल्यू का दावा है कि वह हजेला पर हमला जारी रखेगा और कुल 22 एफआईआर दर्ज कराएगा।
असम में एनआरसी पिछले साल 31 अगस्त को लागू हुई थी, जिससे 19 लाख लोग बाहर कर दिए गए थे। इसके बाद से हजेला पर एनआरसी डेटा से छेड़छाड़ और धन की हेराफेरी का आरोप लगाते हुए अब तक 5 एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। इनमें से तीन एफआईआर असम पब्लिक वक्र्स (एपीडब्ल्यू) ने दर्ज कराई, जो एनआरसी अपडेशन प्रक्रिया की मुख्य याचिकाकर्ता है। एपीडब्ल्यू का दावा है कि वह हजेला पर हमला जारी रखेगा और कुल 22 एफआईआर दर्ज कराएगा।
एेसे लगे आरोप- पहले ७ फरवरी को हजेल के खिलाफ एफआईआर हुई, फिर 12 फरवरी को हजेला का नाम वापस एनआरसी कोऑर्डिनेटर के द्वारा एआईआर कराने पर सामने आया। आरोप था कि हजेला विप्रो के साथ कांटे्रक्ट दोहराने में असफल रहे। एनआरसी कोऑर्डिनेटर ने एक पूर्व महिला कर्मचारी के खिलाफ भी दो आधिकारिक मेल आईडी का पासवर्ड न शेयर करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराई थी, जिन्होंने हजेला के कार्यकाल 2014 से 2019 में काम किया।
सितंबर में तीन एफआईआर
इससे पहले हजेला के खिलाफ सितंबर में ही तीन एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। इनमें एक एपीडब्ल्यू ने, दूसरी गोरिया मोरिया युवा छात्र परिषद और तीसरी डिब्रुगढ़ के एक शख्स ने दर्ज कराई। इसके बाद राज्य सरकार ने बयान जारी कर कहा कि हजेला अवैध विदेशियों के नामों वाली गलत एनआरसी को पब्लिश करने के लिए कुछ ताकतों के प्रभाव में काम कर रहे थे। इसके बाद नवंबर में एपीडब्ल्यू ने एक और एफआईआर दर्ज कराई। इस बार हजेला पर एनआरसी के लिए केंद्र द्वारा आवंटित राशि के दुरुपयोग का आरोप लगा।
इससे पहले हजेला के खिलाफ सितंबर में ही तीन एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं। इनमें एक एपीडब्ल्यू ने, दूसरी गोरिया मोरिया युवा छात्र परिषद और तीसरी डिब्रुगढ़ के एक शख्स ने दर्ज कराई। इसके बाद राज्य सरकार ने बयान जारी कर कहा कि हजेला अवैध विदेशियों के नामों वाली गलत एनआरसी को पब्लिश करने के लिए कुछ ताकतों के प्रभाव में काम कर रहे थे। इसके बाद नवंबर में एपीडब्ल्यू ने एक और एफआईआर दर्ज कराई। इस बार हजेला पर एनआरसी के लिए केंद्र द्वारा आवंटित राशि के दुरुपयोग का आरोप लगा।