scriptभोपाल की प्रयोगशाला में तैयार हुई खतरनाक रोग की पहली स्वदेशी वैक्सीन | First indigenous vaccine for bird flu prepared in Bhopal | Patrika News

भोपाल की प्रयोगशाला में तैयार हुई खतरनाक रोग की पहली स्वदेशी वैक्सीन

locationभोपालPublished: Aug 09, 2022 07:52:31 pm

Submitted by:

deepak deewan

लगाने होंगे तीन डोज , राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला ने वैक्सीन तैयार की

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भोपाल। देश के एक खतरनाक रोग की पहली स्वदेशी वेक्सीन भोपाल में तैयार हो गई है. राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा अनुसंधान प्रयोगशाला भोपाल यानि निशाद ने यह वेक्सीन तैयार की है। निशाद ने बर्ड फ्लू यानि एवियन एंफ्लुएंजा एच 9 एन 2 वायरस पर प्रभावी यह पहली स्वदेशी वैक्सीन तीन साल के शोध के बाद तैयार की है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डा बीएन त्रिपाठी ने यह वैक्सीन लांच की। अब यह तकनीक व्यावसायिक उत्पादन के लिए किसी वैक्सीन निर्माता को सौंपी जाएगी।

वैक्सीन बनाने में निशाद के डा सी तोष, डा. मनोज कुमार, डा. एस नागराजन, डा. एचवी मुरगूकर और डा. संदीप भाटिया शामिल थे। निशाद के महानिदेशक डा. वीपी सिंह ने बताया कि दूसरे बर्ड फ्लू वायरस के मुकाबले एच9 एन2 कम व्याधिकारक है। इससे प्रभावित मुर्गियों की मौत नहीं होती लेकिन वह कम अंडे देने लगती हैं। इस वैक्सीन के लगने के बाद मुर्गिंयां बीमार ही नहीं होंगी. इससे उनकी उत्पादकता पर भी असर नहीं पड़ेगा।

निशाद के वैज्ञानिकों ने बताया कि यह वैक्सीन मृत वायरस से तैयार की गई है- रोग से बचाव के लिए मुर्गे-मुर्गियों को इस वैक्सीन के तीन डोज लगाए जाएंगे। एक डोज का असर करीब छह महीने तक रहेगा। निशाद के वैज्ञानिकों ने बताया कि यह वैक्सीन मृत वायरस से तैयार की गई है। वैक्सीन लगने के बाद मुर्गी के अंडे खाने में भी कोई दिक्कत नहीं आएगी।

उन्न्यन होने के बाद यहां पर निपाह, क्रीमियन कांगो हीमोरेजिक फीवर, सीसीएचएफ और अन्य बहुत ज्यादा संक्रामक व खतरनाक वायरसों की जांच भी – निशाद के निदेशक डा. ने बताया कि लैब अभी बीएसएल 3 प्लस स्तर की है, इसे बीएसएल 4 स्तर बनाने का प्रस्ताव है। इस पर 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे। उन्न्यन होने के बाद यहां पर निपाह, क्रीमियन कांगो हीमोरेजिक फीवर, सीसीएचएफ और अन्य बहुत ज्यादा संक्रामक व खतरनाक वायरसों की जांच भी हो सकेगी।

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