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देश में पहली बार ऑनलाइन सुविधा: विधानसभा सत्र आज, कृषि विधेयक सहित अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

locationभोपालPublished: Sep 21, 2020 07:44:05 am

Submitted by:

Pawan Tiwari

कोरोना काल में हो रहे इस सत्र में 141 विधायक ऑनलाइन शामिल होंगे

देश में पहली बार ऑनलाइन सुविधा: विधानसभा सत्र आज, कृषि विधेयक सहित अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

देश में पहली बार ऑनलाइन सुविधा: विधानसभा सत्र आज, कृषि विधेयक सहित अन्य मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

भोपाल. मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र सोमवार 21 सितम्बर (आज) को होगा। कोरोना काल में हो रहे इस सत्र में 141 विधायक ऑनलाइन शामिल होंगे। इसके लिए सचिवालय में अलग सेटअप तैयार किया गया है। देश में पहली बार किसी प्रदेश में विधानसभा सत्र ऑनलाइन की सुविधा के साथ होगा। इसमें न तो प्रश्नकाल होगा और न ध्यानाकर्षण।
सत्र को लेकर रविवार को प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने तैयारियों का जायजा लिया। इस मौके पर कांग्रेस विधायक दल के मुख्य सचेतक डॉ. गोविंद सिंह, विधानसभा प्रमुख सचिव एपी सिंह भी उपस्थित रहे। कोरोना संक्रमण को देखते हुए तीन दिनों के सत्र का काम-काज एक दिन में पूरा करने का निर्णय लिया गया था। इसलिए सत्र की बैठक सुबह 11 बजे शुरू होगी। दिवंगत राज्यपाल लालजी टंडन सहित अन्य दिवंगत विधायकों को श्रद्धांजलि के बाद सदन की कार्यवाही कुछ समय स्थगित होगी। दोबारा कार्यवाही शुरू होने के साथ ही काम-काज शुरू होगा। इस सत्र में राज्य का बजट भी पेश होगा। पिछले सत्र की अधिसूचना निरस्त होने के कारण बजट पेश नहीं हो पाया था। सदन की बैठक में 61 सदस्य रहेंगे। इसमें मंत्रियों सहित विभिन्न दलों के विधायक हैं।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए इन्हें दूर-दूर बैठाने की व्यवस्था है। प्रत्येक विधायक के बीच के एक-एक कुर्सी खाली रहेगी। उनके पीछे की लाइन की खाली रहेंगी। सदन की सभी दीर्घाएं खाली रहेंगी। अधिकारी दीर्घा में सिर्फ उन्हीं अधिकारियों को अनुमति होगी जिनकी जरूरत है।
ऑनलाइन व्यवस्था रहेगी जिला मुख्यालय में
सदन की बैठक में शामिल होने के लिए विधायकों को जिला मुख्यालय स्थित एनआइसी सेंटर में आना होगा। इसके लिए वहां विशेष व्यवस्था है। जिला मुख्यालय स्थित एनआइसी सेंटर से विधायक सीधे सदन से जुड़ेगे। यहीं से वे सदन में होने वाली चर्चा में भाग ले सकेंगे। एनआईसी सेंटर में बैठे विधायक सदन में दिखते रहें, इसलिए सदन में बड़ी स्क्रीन लगाई गई है।
कार्यसूची से सरकार ने 11 विधेयक हटाए
रविवार की देर शाम विधानसभा सचिवालय ने जारी कार्यसूची में 15 विधेयकों को शामिल किया था, लेकिन चंद मिनट में ही 11 विधयकों ने हटा लिया। इनमें कराधान अधिनियम, सिविल प्रक्रिया संहिता, नपा विधि संशोधन से जुड़े तीन विधेयक, निजी विवि संशोधन विधेयक, श्रम विधि संशोधन के दो, साहूकार संशोधन विधेयक, अजा ऋण विमुक्ति विधेयक हैं।
अब सिर्फ अध्यादेश और वित्तीय विधेयक
सरकार वित्तीय विधेयक सहित अध्यादेशों को सदन में पेश करेगी। इनमें मप्र कृषि उपज मंडी संशोधन अध्यादेश, लोक सेवाओं के प्रदान गारंटी संशोधन अध्यादेश, सहकारी सोसायटी संशोधन अध्यादेश हैं। यह संवैधानिक मजबूरी है, क्योंकि सरकार ने इन्हें अध्यादेश के जरिए लागू किया था।
विधायकों ने पूछे हैं 750 सवाल
इस सत्र में न प्रश्नकाल होगा और न ही ध्यानकर्षण होगा। शून्यकाल की सूचनाएं भी नहीं होगी। हालांकि इस सत्र के लिए विधायकों ने 750 लिखित सवाल पूछे हैं। प्रश्नकाल न होने के कारण विधायकों को लिखित उत्तर पर ही संतोष करना होगा। इसकी सूचना उन्हें पहले ही दे दी गई है। सचिवालय को 138 ध्यानाकर्षण सूचनाएं भी मिली हैं। इसके भी लिखित जवाब दे दिए जाएंगे।
इन मुद्दों पर घेरने की तैयारी
विधानसभा में विपक्ष सरकार को कई मुद्दों पर घेरने की तैयारी में है। इसमें कोरोना संक्रमण प्रमुख है, क्योंकि प्रदेश में संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। मरीजों का आंकड़ा भी एक लाख के पार पहुंच गया है। इसके अलावा अवैध खनन और भ्रष्टाचार, कृषि अध्यादेश, बिगड़ती कानून व्यवस्था, ऑक्सीजन की कमी और किसान कर्ज माफी शामिल है। इन मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेर सकती है।
ऐसी है बैठक व्यवस्था
सत्ता पक्ष
सबसे पहली लाइन में मुख्यमंत्री और उसके बाद एक-एक कुर्सी छोड़ अन्य मंत्री बैठेंगे। इनके ठीक पीछे की लाइन खाली रहेगी। इसके बाद अन्य सदस्य बैठेंगे।

विपक्ष
पहली लाइन में सबसे आगे नेता प्रतिपक्ष और एक-एक कुर्सी छोड़ कांग्रेस के अन्य विधायक बैठेंगे। पीछे की लाइन खाली रहेगी। फिर अन्य सदस्य बैठेंगे।
अध्यक्ष के आसंदी के राइट साइड की ओर की अध्यक्षीय दीर्घा है। यह स्थान भी विधायकों के लिए आरक्षित है, दर्शक दीर्घा खाली रहेगा। अध्यक्ष की आसंदी की लेफ्ट साइड की ओर अधिकारी दीर्घा है। यहां राज्य सरकार के अधिकारी रहेंगे। मुख्यमंत्री और 17 मंत्री, 15 भाजपा विधायक , 22 कांग्रेस विधायक, 2 बसपा, 1 सपा और 4 निर्दलीय इस तरह कुल 61 सदस्य मौजूद रहेंगे सदन में, 141 विधायक ऑनलाइन शामिल होंगे। बता दें कि 230 विधानसभा वाले सदन में वर्तमान में कुल सदस्य संख्या 202 है। 28 सीटें रिक्त हैं।
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